BJP प्रवक्ता ठोकने बोले, कांग्रेस के संचार प्रमुख ‘सुशील’ का इस्तीफा पाखंड!
By : hashtagu, Last Updated : January 10, 2024 | 8:00 pm
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नलिनीश ठोकने (State spokesperson Nalinish Thokne) ने छत्तीसगढ़ भाड़ा नियंत्रण अधिकरण से सुशील आनंद शुक्ला (Sushil Anand Shukla) द्वारा इस्तीफा देने पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि शुक्ला में इतनी ही नैतिकता थी तो प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के तुरंत बाद ही इस्तीफा देने का नैतिक साहस दिखाना था। प्रदेश सरकार के सभी राजनीतिक नियुक्तियों को खत्म करने के आदेश को चुनौती देकर तो सुशील आनंद शुक्ला ने पहले तो अपनी पदलोलुपता का परिचय दिया और अब शुचिता की दुहाई देकर अंगूठा कटवाकर शहीद होने का पाखण्ड रच रहे हैं।
- भाजपा प्रवक्ता ठोकने ने कहा कि भाड़ा नियंत्रण अधिकरण एक न्यायिक पद है और इस अधिकरण में सदस्य पद का लाभ लेते हुए कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला लगातार एक राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के पक्ष में कार्य करते रहे जो कि एक अपराधिक कृत्य है। तब कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला को शुचिता की याद नहीं आई।
भाजपा प्रवक्ता ठोकने ने कहा कि नैतिकता, शुचिता जैसे शब्दों की दुहाई कांग्रेसियों के मुँह से शोभा देती ही नहीं है। राजनीतिक मूल्य और शुचिता तो कांग्रेस के डीएनए में ही नहीं है, कांग्रेस का समूचा इतिहास इस तथ्य और सत्य का साक्षी है। उन्होंने कहा कि अगर सुशील आनंद शुक्ला में इतनी नैतिकता और शुचिता है तो वह अपने कार्यकाल में अर्जित आय व अन्य तमाम आर्थिक लाभ ब्याज समेत प्रदेश सरकार के खजाने में जमा करने का साहस भी प्रदर्शित करें। सुशील आनंद ने अपने पूरे कार्यकाल में अधिकरण के सदस्य के नाते कभी निष्पक्ष भूमिका नहीं निभाई और कांग्रेस के हित में ही काम किया। सुशील आनंद शुक्ला को इसके लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए।
यह भी पढ़ें : विष्णुदेव साय की ‘कैबिनेट’ में कई बड़े फैसले! श्रीरामलला और काशी दर्शन की सौगात
यह भी पढ़ें : CG-BJP की सेना ‘मोदी को तीसरी बार’ PM बनाने में जुटी! विष्णुदेव सहित ‘दिग्गजों’ ने लिए संकल्प
यह भी पढ़ें : CG-Political Story : ‘मोदी की गारंटी’ पर BJP की चुनावी ‘हौंसलों’ की उड़ान! 11 लोकसभा क्षेत्रों को 3 क्लस्टर में बांटे
यह भी पढ़ें : Untold Story : मीसाबंदियों की ‘आपबीती’ सुनकर भावुक हुए CM विष्णुदेव! सुनाए अपने पिता के ‘संघर्ष’ की दास्तां