रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव (BJP State President Arun Sao) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के ‘भेंट मुलाकात’ कार्यक्रम के लिए रायपुर दौरे के मद्देनजर 10 सवाल करके उनके जवाब मांगे हैं। साव ने कांग्रेस द्वारा पिछले विधानसभा चुनाव में किए गए वादों, प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा किए जा रहे दावों और जमीनी हकीकत बताते हुए जो सवाल उठाए हैं, इस प्रकार हैं :
2018 विधानसभा चुनाव के पूर्व राजनांदगांव में राहुल गांधी की मौजूदगी में घोषणा पत्र समिति के तत्कालीन अध्यक्ष (मौजूदा उपमुख्यमंत्री) टी.एस. सिंहदेव ने युवाओं के बारे में घोषणा करते हुए यह बताया था कि प्रतिवर्ष युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा, जिसे स्टाइपेंड कहा जाएगा। इसका सालाना बजट प्रतिवर्ष 3,000 करोड रुपए होगा यानी कि कुल 5 सालों में 15,000 करोड़ रुपए युवाओं को भुगतान किया जाना था लेकिन युवाओं के लिए केवल 250 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई है यानी कि युवाओं के हक के 14,750 करोड़ रुपए यह सरकार खा गई।
प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगवाए, जिसमें लिखवाया गया कि 5 लाख युवाओं को नौकरी दी गई परंतु विधानसभा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवाब दिया कि उन्होंने केवल लगभग 20,000 नौकरियाँ ही दी हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान आपने अपनी सभाओं में 200 फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन यह वादा भी झूठा साबित हुआ। प्रदेश सरकार फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने में असफल रही।राहुल गांधी आपने साफ कहा था कि किसानों के खेत जाकर उनकी फसल को वहां से उठाया जाएगा और फूड प्रोसेसिंग यूनिट में किसानों के बेटो को रोजगार मिलेगा ,किसान परिवारों के साथ सरकार ने छल क्यो किया?
प्रदेश की कांग्रेस सरकार प्रदेश में किसी प्रकार का कोई निवेश आकर्षित नहीं कर पाई जिससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर नहीं बने।
पीएससी को लेकर छत्तीसगढ़ के इतिहास में प्रदेश के युवा इतने निराश कभी दिखाई नहीं दिए। अपने मां-बाप की पूंजी को दाँव पर लगाकर जिन बच्चों ने दिन-रात पढ़ाई करके पीएससी की परीक्षाएँ दीं, उनकी जगह कांग्रेस नेताओं और बड़े-बड़े नौकरशाहों के रिश्तेदारों का चयन हुआ। यह युवाओं के लिए निराशा का कारण है। प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाएं भी विवादों के घेरे में हैं।
विगत पौने पांच वर्षों में 28,000 व्यक्तियों ने आत्महत्या की हैं, जिसमें 18 हजार युवा हैं। नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो के अनुसार आत्महत्या की औसत दर 43 प्रतिशत है। छत्तीसगढ़ राज्य का तीसरा स्थान है। इसकी मुख्य वजहों में आर्थिक तंगी, बेरोजगारी है। क्या राहुल गांधी अपने मुख्यमंत्री से इस संबंध में जवाब तलब करेंगे?
माफियाओं से प्रदेश के युवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव दिखाई दे रहा है। कोल माफिया, डीजल माफिया, भू माफिया, रेत माफिया, खाद माफिया, सट्टा माफिया, गांजा माफिया आदि के चलते युवाओं में मानसिक रूप से आपराधिक सोच उत्पन्न हो रही है, इसकी जिम्मेदार क्या कांग्रेस की प्रदेश सरकार नहीं है? इसके चलते वयस्कों में मानसिक अवसाद की रिपोर्ट के आँकड़े चिंताजनक हैं। प्रदेश में 22 प्रतिशत (अर्थात 43 लाख) या हर पांचवा वयस्क व्यक्ति मानसिक अवसादग्रस्त है। नशे की गिरफ्त में 43 प्रतिशत युवा (नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे अनुसार 85.57 लाख युवा) हैं और राज्यों में छत्तीसगढ़ का दूसरा स्थान है।
स्टार्ट अप की स्थिति को देखें तो छत्तीसगढ़ 21वें स्थान पर है। प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 30 जून 2022 की स्थिति में 18,84,630 है। इन बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया जा रहा है रोजगार के संबंध में मुख्यमंत्री बघेल दावा करते हैं कि शासकीय पदों पर 4,64,391 भर्तियाँ की गईं, जबकि 2022 के तारांकित प्रश्न कमांक 9 (क- 238) के अनुसार सिर्फ 28,754 पदों पर (नियमित – 13,418 व संविदा -15,038) भर्तियाँ की गई हैं। इसी तरह मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना अंतर्गत मात्र 46,684 युवाओं को ही प्रशिक्षित किया गया और उनमें से रोजगार प्राप्त हुआ मात्र 21,073 युवाओं को।
छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक परीक्षाएं व भर्तियां लंबित केवल इसलिए लंबित हैं क्योंकि आरक्षण रोस्टर लागू नहीं किया गया है। इस कारण सभी परीक्षाओं व भर्तियों पर रोक है और लाखों परीक्षार्थी त्राहि-त्राहि कर रहे हैं।
राजीव युवा मितान क्लब के गठन का असली मकसद क्या है? प्रदेश सरकार कांग्रेस के राजनैतिक लाभ हेतु कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को अध्यक्ष व सदस्य बनाकर लाभ पहुंचा रही है।
इनपुट (भोजेंद्र वर्मा)