भूपेश बघेल पर BJP का सियासी वार! केदार बोले-बघेल सिर्फ ‘अपने लिए’ राजनीति करते हैं, छत्तीसगढ़ महतारी और कांग्रेस पार्टी के लिए नहीं!

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता ने कहा है कि राजनांदगाँव के कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन के मंच पर कांग्रेस के दिग्गज

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  • Updated On - March 29, 2024 / 06:40 PM IST

  • भूपेश बघेल ने सत्ता रहते जनता के साथ क्रूरता की अब कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पार्टी से बाहर करवा रहे है- भाजपा
  • प्रदेश प्रवक्ता गुप्ता ने पूर्व मुख्यमंत्री को उनके बयानों के लिए आड़े हाथों लिया, कहा : अब सब जान गए कि बघेल सिर्फ ‘अपने लिए’ राजनीति करते हैं, छत्तीसगढ़ महतारी और कांग्रेस के लिए नहीं
  • चुनाव में 380 लोगों के खड़े होने की बात कहने से यह साफ हो गया है कि बघेल यह सब इसलिए कह और कर रहे हैं कि वह मानसिक रूप से अपनी हार स्वीकार कर चुके हैं : गुप्ता

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता (BJP State spokesperson Kedarnath Gupta) ने कहा है कि राजनांदगाँव के कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन के मंच पर कांग्रेस के दिग्गज कार्यकर्ता और जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र वैष्णव (दाऊ) से खूब खरी-खोटी सुनने के बाद से पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल (Congress candidate Bhupesh Baghel) की सियासी चूलें हिल गई हैं। श्री गुप्ता ने कहा कि इसके बाद से कांग्रेस प्रत्याशी बघेल को कांग्रेस से निकाले जाने और कांग्रेस प्रत्याशी बदले जाने की मांग उठने लगी है क्योंकि अब सबको यह पता चल गया है कि बघेल सिर्फ ‘अपने लिए’ राजनीति करते हैं, छत्तीसगढ़ महतारी और कांग्रेस पार्टी के लिए नहीं।

  • भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री गुप्ता ने शुक्रवार को एकात्म परिसर स्थित भाजपा कार्यालय में प्रेस ब्रीफ के दौरान पत्रकारों से कहा कि दरअसल भूपेश बघेल देख रहे हैं कि राजनांदगाँव लोकसभा सीट पर उनकी हार सुनिश्चित है और इसलिए अपनी हार के बहाने अभी से तलाशने में लग गए हैं, देश के संविधान और नियमों में त्रुटियाँ बता रहे हैं। श्री गुप्ता ने कहा कि जब ईवीएम से 2018 में उनकी सरकार बनी, तब मुख्यमंत्री बनने के लिए राज्यपाल के यहाँ पहुँच गए और अब ईवीएम उन्हें खराब नजर आने लगा है!

हिमाचल प्रदेश में यही ईवीएम उन्हें अच्छा लगा, राजस्थान में जब पिछली बार कांग्रेस की सरकार बनी थी, तब ईवीएम उन्हें अच्छी लगी थी, कर्नाटक में सरकार बनी तब ईवीएम अच्छा था। 2004 से लेकर 2014 तक केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार बनी तब ईवीएम अच्छा था। क्या मनमोहन सिंह जी को बघेल से कम अनुभव था जो उन्होंने बैलेट पेपर चालू नहीं किया? श्री गुप्ता ने कहा कि बघेल ‘स्व’ के भाव से अपने कार्यकर्ताओं से कह रहे हैं कि 380 लोग राजनांदगाँव में चुनाव में खड़े हों तो बैलैट पेपर से चुनाव होगा। बघेल को लगता है कि वह अभी भी सत्ता में है और छड़ी उनके हाथों में है वह जैसा चाहें वैसे काम चला लेंगे लेकिन वह भूल रहे हैं कि लोकतंत्र में छड़ी जनता के हाथों में होती है। एक हाथ से तो जनता कांग्रेस को सत्ता से हटा चुकी है और अब कांग्रेस दूसरी हार के लिए तैयार हो जाए।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गुप्ता ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस जब 2018 में सत्ता में आई, तबसे अगर किसी कांग्रेस नेता का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में रहा है तो वह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हैं, जो ‘स्व’ अर्थात ‘मैं’ और ‘मेरा’ के भाव से पीड़ित हैं, जबकि राजनीतिक क्षेत्र में सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय का सिद्धांत लागू होता है। लेकिन बघेल ने सदैव ‘मैं’ और ‘मेरा’ के सिद्धांत पर राजनीति की। जब वे सत्ता में रहे तो इसी भाव से उन्होंने छत्तीसगढ़ महतारी की धन संपदा को लूट तानाशाही रवैया से अधिकारियों को दबाव में लाकर अपराध को फलने-फूलने दिया।

  • चाहे वह महादेव सट्टा एप हो, कोल स्कैम हो, शराब घोटाला हो। अनेक नेता और अनेक अधिकारी आज जेल में है और कुछ बेल पर है। श्री गुप्ता ने कहा कि जब वह सत्ता में थे तब कांग्रेस पार्टी का इतना नुकसान किया कि उनके ‘मैं’ और ‘मेरा’ के भाव ने कांग्रेस की सत्ता छीन ली। आज विपक्ष में है तो भी वही भाव अभी भी जिंदा रखे हुए हैं। जब यहां पर लोकसभा चुनाव की चर्चा चल रही थी तब बघेल ने कहा कि मैं चुनाव नहीं लडूंगा, बाकी लोग लड़ेंगे। उन्हें यह स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था कि छत्तीसगढ़ की जनता उनके ‘मैं’ और ‘मेरा’ के भाव को समझ चुकी है। जब कांग्रेस पार्टी ने जबर्दस्ती की तो उन्हें मालूम था कि रायपुर से तो बुरी तरह हारेंगे, दुर्ग की तरफ उनकी आँखें गई तो वहाँ पर हमारे मजबूत प्रत्याशी को उन्होंने देखा। फिर पार्टी ने जबर्दस्ती की तब राजनांदगांव भाग खड़े हुए और अब वहाँ उनको अपनी हार स्पष्ट दिखाई दे रही है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गुप्ता ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल आज ईवीएम का मजाक उड़ा रहे हैं। जब कोई पार्टी के नेता अपने ही कार्यकर्ताओं को कहे कि 380 लोग चुनाव में खड़े हों, इसका साफ मतलब यही है कि वह अपनी हार का एक और कारण जनता को बताने के लिए ढूँढ़ रहा है कि इतने लोग खड़े हो गए मैं क्या कर पाता? ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बघेल यह जो कुछ भी कह और कर रहे हैं ‘मैं’ और ‘मेरा’ के भाव से कर रहे हैं। भाजपा का मानना है कि बघेल ने मानसिक रूप से अपनी हार स्वीकार कर ली है। उनके कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया है, मुख्यमंत्री रहते हुए और उस पद से हटने के बाद भी कार्यकर्ता कहें कि उन्हें पार्टी से निकालें और सरेआम मंच से ऐसे नेता का विरोध हो तो ऐसे नेता को कौन वोट देगा? श्री गुप्ता ने कहा कि अब भूपेश बघेल के हाथों में छड़ी नहीं है। छड़ी जनता ने छीन ली है और संविधान के नियमों को अब बघेल को मानना ही पड़ेगा।

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