रायपुर। गत दिनों कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (MP Rahul Gandhi) ने कहा था कि हमने यूपी में राम मंदिर आंदोलन को हरा दिया है। इनके इस बयान के चाहे जो भी मायने रहे हों। लेकिन इसे भाजपा ने बड़ा हथियार बनाते हुए सोशल मीडिया पर वार छेड़ दिया है। इस पोस्टर वार के जरिए भाजपा यह सवाल खड़े कर रही है कि क्या राहुल गांधी सनातन धर्म और हिंदू विरोधी हैं। क्योंकि उनका एक बयान संसद में भी आया था, कहते-कहते बोल गए थे कि हिंदू हिंसक है। जिसे लेकर भी भाजपा ने हमला बोला था। लेकिन इधर बीच अब उसके बाद भाजपा की सोशल मीडिया की टीम ने कार्टून पोस्टर के जरिए, अपने एक्स एकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा–कांग्रेस का राम विरोध। संयोग है या सोचा समझा प्रयोग?।
भाजपा के वरिष्ठ प्रदेश प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता (BJP State spokesperson Kedarnath Gupta) ने कहा कि भाजपा की हिंदू विरोधी मानसिकता के माध्यम से वह तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। इसके पीछे कारण है कि अपने वोट बैंक को बढ़ाने की सोच है। आज राम मंदिर आंदोलन में कारसेवकों पर गाेली चलवाने वाली सपा पार्टी के साथ कांग्रेस का गठबंधन है। सभी राम विरोधी और हिंदू विरोधी मानसिकता वाले नेता एक मंच पर हैं। उनका सिर्फ एक ही मकसद है कि आरक्षण और संविधान के बारे में भ्रम फैलाना है। इसमें वे सफल नहीं हो पाए। लेकिन अब देश की जनता उनकी सच्चाई समझ गई है। उनकी हरकत इसलिए थी कि अगर झूठ बोलकर सत्ता नहीं पाए तो उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाना होगा। इसलिए सभी ने मिलकर जमकर अनर्गल प्रलाप किया। इससे साबित होता है कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन सिर्फ परिवारवाद की राजनीति को बढ़ावा देने के लिए किसी भी हद तक नीचे गिर सकती है। कांग्रेस और इंडी गठबंधन को देश के विकास में सहयोग देने के बजाए उनके बारे में देश और विदेश में दुष्प्रचार फैलाने से भी बाज नहीं आते है। जनता इनके नापाक मंसूबों को पहचान चुकी है।
उन्होंने कहा, राहुल जी, पहले अपनी देश भर में हार के बजाए थोड़ा छत्तीसगढ़ की हार पर भी ध्यान दीजिए 99 सीटें जीतकर हवा में उड़ने लगने हैं। आप तो जीत में इतने मग्न हैं कि कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की लुटिया ही डूब गई है कि, आपके प्रदेश अध्यक्ष बैज तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। जबकि उन्होंने भूपेश के साथ सत्ता भोग रहे थे लेकिन अब हार होने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को ही सत्ता भोगी बता रहे हैं। यही कांग्रेस की संस्कृति है। कांग्रेस का आने वाले समय में देश से ही नहीं छत्तीसगढ़ से भी सूपड़ा साफ हो गया है। अगर सहयोगी पार्टी की बैशाखी नहीं मिलती तो 10 सीट भी कांग्रेस नहीं जीत पाती। राहुल जी हिंदू समाज का विरोध करने के बजाए अपने संगठन पर ध्यान दीजिए। आपकी बालक बृद्धि पर अब तो देश की जनता को भी तरस आ रहा है।
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