‘कांग्रेस के गढ़’ में ‘अरविंद केजरीवाल’ की सेंधमारी!, उतारे ‘अनूप-शिवनारायण’ दिग्गजों की टीम
By : madhukar dubey, Last Updated : March 5, 2023 | 4:47 pm
जहां उन्होंने कहा, दिल्ली और पंजाब मॉडल को यहां छत्तीसगढ़ में लांच करने के उद्देश्य भी बताए। कहा, आज दिल्ली हो या पंजाब वहां आम आदमी के लिए ही आप ने काम किए हैं। बस जरुरत है जनता के बीच इसे ले जाने की। ताकि यहां के आदिवासी और गरीब से गरीब और मध्यम वर्ग को मूलभूत सुविधाएं महुैया कराई जा सके।
अरविंद केजरीवाल की एक टीम यहां छत्तीसगढ़ में गुप्त रूप से काम कर रही है। यही कारण है कि यहां बीते एक साल से पार्टी ने यहां दूसरे राज्यों और छत्तीसगढ़ की राजनीति में पकड़ रखने वालों की टीम को उतरा है। सबसे पहले बात करते हैं उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के आप के सहप्रभारी अनूप पांडेय की।
इनकी पकड़ अंबिकापुर, सरगुजा, बिलासपुर संभाग में अच्छी है। क्योंकि इन जिलों में उत्तर प्रदेश के 28 लाख से अधिक आबादी है, जो अब यहां रच बस गए हैं। इसके अलावा अनूप पांडे की सोनभद्र, मिर्जापुर, जौनपुर, बनारस, बलिया, गाजीपुर सहित अन्य जिलों में अच्छी पकड़ हैं। यूपी के इन जिलों के तार यहां से जुड़े होने के नाते अनूप पांडे की भूमिका छत्तीसगढ़ में तय की गई है।
छत्तीसगढ़ प्रभारी संजीव झा के नेतृत्व में झीरमकांड के गवाह रहे और कांग्रेसी नेता डॉक्टर शिवनारायण िद्ववेदी हैं, इन्हें यहां सहप्रभारी बनाया गया है। पार्टी के सूत्रों के मुताबिक यहां बूथ स्तर पर आप ने करीब 20 हजार प्रभारियों को नियुक्त कर दिया है। ऐसे में आप ने कांग्रेस और बीजेपी को मात देने के लिए पूरी तैयारी कर ली। इसके बावजूद आप के सामने चुनौतियां है। जबिक आप पार्टी का दावा है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में आप अपनी जोरदार मौजूदगी की अहसास कराएगी।
पंजाब मुख्यमंत्री भगवंत मान का फैक्टर भी करेगा काम
बता दें, अगर देखा जाए तो छत्तीसगढ़ में पंजाब के लोगों की अच्छी खासी संख्या है। इस लिहाज से पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को भी चुनाव में उतारना आप का मकसद है। क्योंकि भगवंत मान के प्रचार करने से पंजाब के लोग आप को वोट करेंगे। गौरतलब है कि यहां पंजाब के वोट बैंक कांग्रेस और बीजेपी में हैं। लेकिन ये किसी एक पार्टी की तरफ इनका कोई विकेंद्रीकरण नहीं है। ऐसे में निश्चित तौर पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के आने से 50 फीसद भी असर, बड़े बदलाव के संकेत साबित होंगे।
कांग्रेस के गढ़ में आम आदमी पार्टी की एंट्री
दरअसल, छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। राज्य में सबसे मजबूत पार्टी कांग्रेस है। क्योंकि 90 विधानसभा सीटों में कांग्रेस के पास 71 विधायक है। वहीं पूरे विपक्ष के पास मिलाकर 19 सीट है। इसमें से 14 विधायक केवल बीजेपी के हैं। इस लिहाज से छत्तीसगढ़ को कांग्रेस का गढ़ माना जा रहा है। देश भर में कांग्रेस का सबसे मजबूत किला छत्तीसगढ़ को माना जा रहा है। लेकिन आम आदमी पार्टी की छत्तीसगढ़ में एंट्री को लेकर कहा जा रहा है कि वो कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकती है।
आम आदमी पार्टी की एंट्री से किसको मिलेगा फायदा?
छत्तीसगढ़ में आदमी पार्टी के एंट्री पर राजनीतक पंडितों का कहना है कि, राज्य में सबसे मजबूत पार्टी कांग्रेस है। इसके बाद बीजेपी, जेसीसी जे और बहुजन समाज पार्टी है। आम आदमी पार्टी लगातार रैली कर रही है। उनकी रैली में जो भीड़ उमड़ रही है, ये सब वोटों में बदल गई तो इससे कांग्रेस पार्टी को 10 से 15 सीट का नुकसान हो सकता है। क्योंकि आम आदमी पार्टी के वोट बढ़ने से कांग्रेस के वोट कट सकते हैं। इसका दूसरी पार्टियों को फायदा मिल सकता है। या ये कहें की बीजेपी को इसका फायदा हो सकता है। क्योंकि राज्य के अधिकांस सीटों पर चुनाव के दौरान पहले और दूसरे नंबर पर कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवार ही रहते हैं। वहीं यहां 2018 विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का वोट प्रतिशत एक फीसदी से भी कम रहा था।
गुजरात में AAP की एंट्री से कांग्रेस को हुआ था नुकसान
गुजरात विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस पार्टी को गुजरात में आम आदमी पार्टी ने बुरी तरह से नुकसान पहुंचाया था। गुजरात में आम आदमी पार्टी के 5 विधायक जीते और 20 से अधिक सीटों पर इस पार्टी के प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे। इसके अलावा वोट परसेंटेज की बात करें तो इस चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 13 फीसदी वोट हासिल किया।
छत्तीसगढ़ में सक्रिय हुई आम आदमी पार्टी
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ आम आदमी पार्टी की सक्रियता पिछले एक साल से बढ़ गई है. छत्तीसगढ़ के आप प्रभारी संजीव झा ने प्रदेश भर में रैली कर रहे हैं. इसके अलावा आम आदमी पार्टी अपने संगठन का भी यहां तेजी से विस्तार कर रही है. संजीव झा ने सभी जिले में जिला प्रभारी और जिला सचिव का एलान कर दिया है। यही नहीं लोकसभा प्रभारी और लोकसभा सचिव की भी घोषणा कर दी है। साथ ही 455 ब्लॉक अध्यक्ष भी नियुक्त किए जा चुके हैं।