बांग्लादेशी घुसपैठियों का मामला : कम्प्यूटर सेंटर की आड़ में बना रहा था फर्जी दस्तावेज

By : madhukar dubey, Last Updated : February 18, 2025 | 5:39 pm

रायपुर। बांग्लादेशी घुसपैठियों(Bangladeshi infiltrators) को रायपुर में पनाह देने वाला आरोपित शेख अली (Accused Sheikh Ali)पुलिस को लगातार छका रहा है। उसके बांग्लादेश भागने की आशंका भी जताई जा रही है। पहले यह माना जा रहा था कि वह महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश या बंगाल में अपने रिश्तेदारों के ठिकानों पर छिपा हो सकता है।  

मगर, स्थानीय पुलिस ने बताया है कि अब तक इन स्थानों पर उसकी मौजूदगी की कोई सूचना नहीं मिली है। वहीं, तीन बांग्लादेशी भाइयों का फर्जी दस्तावेज बनाने वाले कंप्यूटर संचालक मोहम्मद आरिफ को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया।

एटीएस की टीम लगातार शेख अली की पत्नी फरीदा और बेटे फैज की निगरानी कर रही है। एटीएस के अधिकारियों का कहना है कि जेल भेजे गए शेख इस्माइल, शेख अकबर और शेख साजन को फिर से रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी और कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों को जब्त किया जाएगा।

यदि आवश्यकता पड़ी तो तीनों को नागपुर ले जाया जाएगा। वहां इन तीनों के साथ फरार शेख अली के रिश्तेदार रहते हैं। जांच के दायरे में उनके सभी रिश्तेदार भी शामिल हैं। शेख अली की दूसरी पत्नी शहला परवीन के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। शेख के कई मुस्लिम महिलाओं से भी संबंध होने का पता चला है।

कंप्यूटर में मिले संदिग्ध कंटेंट

मो. आरिफ और शेख अली संगठित रैकेट बनाकर बांग्लादेशियों के फर्जी दस्तावेज बनाकर गलत तरीके से देश के बाहर भेजने का काम करते थे। मामले में गोलबाजार थाने में धारा 336(3), 337, 338, 340(1) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर आरिफ को कोर्ट में पेशकर दो दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है।

पुलिस टीम ने उसके कंप्यूटर सेंटर में दबिश देकर पुराने कंप्यूटर की जांच की तो उसमें संदिग्ध कंटेंट के साथ कई लोगों के वोटर आईडी कार्ड, अंकसूची, फोटो आईडी, हस्ताक्षर, अंगूठे के निशान से संबंधित कूटरचित करना पाया गया, जिसकी जांच की जा रही है।

कई बांग्लादेशियों के बनाए फर्जी दस्तावेज

टिकरापारा थाना प्रभारी विनय सिंह बघेल ने बताया कि बांग्लादेशी भाइयों के फर्जी दस्तावेज बनाने वाले फूल चौक नयापारा (गोलबाजार) निवासी और कचहरी चौक स्थित सत्कार कंप्यूटर सेंटर के संचालक 50 साल के मोहम्मद आरिफ को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की जा रही है।

जांच में पता चला कि आरिफ ने जेल भेजे गए तीनों बांग्लादेशी भाइयों के अलावा भी कई बांग्लादेशियों के फर्जी दस्तावेज बनाए हैं। वह दूसरे के दस्तावेजों को स्कैन कर फर्जी वोटर आईडी, पैन कार्ड, आधार कार्ड आदि बनाता था।

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