सीएम आवास घेरने वाले डीएड-अभ्यर्थियों पर दंगा भड़काने का केस

रायपुर में मुख्यमंत्री आवास घेरने वाले डीएड-डीएलएड अभ्यर्थियों पर दंगा भड़काने का केस लगा है। पुलिस ने गैर जमानती धाराओं में एफआईआर दर्ज

  • Written By:
  • Publish Date - October 23, 2024 / 05:31 PM IST

  • गैर-जमानती धाराओं में एफआईआर,
  • पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई थी जमकर धक्का-मुक्की

रायपुर। रायपुर में मुख्यमंत्री आवास घेरने (surround the Chief Minister’s residence)वाले डीएड-डीएलएड अभ्यर्थियों पर दंगा भड़काने(Inciting riot against D.Ed-D.El.Ed candidates) का केस लगा है। पुलिस ने गैर जमानती धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। प्रदर्शनकारियों पर आरोप है कि, इन्होंने वीआईपी इलाके में बिना परमिशन रास्ते को बंद किया। पुलिस अफसर और कार्यपालिक दंडाधिकारी के समझाइश के बावजूद प्रदर्शन जारी रखा।
पुलिस एफआईआर के मुताबिक, ड्यूटी पर तैनात पुलिस जवानों के साथ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने जमकर धक्का-मुक्की की थी। इन्होंने सरकारी संपत्ति के साथ तोडफ़ोड़ भी की। सिविल लाइन पुलिस ने बीएनएस की धारा 191(2), 126(2), 121(1) और लोक संपत्ति निवारण अधिनियम के तहत गैर जमानती धाराओं में मुकदमा दर्ज की है।

एफआईआर में इनके नाम शामिल

पुलिस के एफआईआर में ओम प्रकाश साहू, मेघा पांडे, संतोष साहू, कुलदीप वर्मा, कमल राजपूत, इनायत अली, सतीश निषाद सहित अन्य प्रदर्शनकारियों के नाम शामिल है। इनमें से कई प्रदर्शनकारी लोरमी, कोरबा, मुंगेली, भिलाई के निवासी हैं। इन लोगों ने प्रदर्शन का नेतृत्व किया था।

जानिए पूरा मामला

रायपुर में करीब 500 से अधिक डीईडी-डीएलएड अभ्यर्थी सोमवार को मुख्यमंत्री आवास घेरने निकले थे। कैंडिडेट्स नवा रायपुर में पिछले 2 अक्टूबर से अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे थे। मुख्यमंत्री आवास घेरने के दौरान इन्हें पुलिस ने बीच रास्ते में रोक लिया था।
पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को अरेस्ट के बाद कुछ को विधानसभा थाना और कुछ को आरंग थाने ले गई थी। अभ्यर्थी विकास कौशिक ने बताया कि, नवरात्र-दशहरा भी धरनास्थल पर ही मनाया। एक साल से सरकार के हर अफसर और मंत्री से बात की, मगर हमारी बातें नहीं सुनी गई।
सीएम आवास आए तो पुलिस ने हमारे साथ बदसलूकी की। घसीटा, पीटा और थानों में भेज दिया। विकास ने बताया कि करीब 3 से 4 घंटे तक थाने में रखने के बाद देर शाम सभी को छोड़ दिया गया।

ये है इनकी मांग

डीईडी-डीएलएड अभ्यर्थियों ने बताया कि, सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में ये सभी क्वॉलिफाई कर चुके हैं। इनकी मांग थी कि बीईडी वालों को इस भर्ती में वैलिड न माना जाए। अदालत से जीत भी मिली। मगर भर्ती अब तक अटकी है। सरकार बदल गई मगर इन कैंडिडेट के हालात नहीं बदले हैं। भर्ती किए जाने और नौकरी देने की मांग को लेकर ये सभी आंदोलन कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें:       जनसंपर्क आयुक्त से हटाए गए मयंक श्रीवास्तव, अब रवि मित्तल के हाथ कमान