CBI की टीम का घेराव, कांग्रेसियों पर हो सकती है FIR; बघेल बोले- ‘मोदी के भाषण के लिए रेड करवाई गई’

CBI अधिकारियों ने अपने वाहन से निकलते वक्त प्रदर्शन का वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें कुछ कांग्रेस कार्यकर्ता बैग चेक कराने के नाम पर टीम को रोकने की कोशिश करते दिख रहे हैं। इस मामले पर कांग्रेस और केंद्र के बीच टकराव और गहरा गया है।

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  • Publish Date - March 27, 2025 / 11:38 AM IST

रायपुर | (विशेष संवाददाता)| छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के रायपुर और भिलाई स्थित आवासों पर बुधवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की छापेमारी के बाद नया राजनीतिक बवंडर खड़ा हो गया है। देर शाम जब जांच पूरी कर CBI की टीमें वापस लौट रही थीं, तभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले को रोकने का प्रयास किया। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिससे संकेत मिलते हैं कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है।

CBI अधिकारियों ने अपने वाहन से निकलते वक्त प्रदर्शन का वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें कुछ कांग्रेस कार्यकर्ता बैग चेक कराने के नाम पर टीम को रोकने की कोशिश करते दिख रहे हैं। इस मामले पर कांग्रेस और केंद्र के बीच टकराव और गहरा गया है।

बघेल बोले – कुछ नहीं मिला, सिर्फ फोटो कॉपी पर साइन करवाया

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने CBI छापेमारी के बाद तीखा हमला बोलते हुए कहा, “मेरे घर कुछ नहीं मिला, तो मेरे तीन मोबाइल जब्त कर लिए। सिर्फ फोटो कॉपी पर साइन करवाकर चले गए। ये कार्रवाई पूरी तरह से राजनीतिक द्वेष से प्रेरित है।”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मार्च को छत्तीसगढ़ आ रहे हैं, और उनके भाषण का मसौदा तैयार करने के लिए ये रेड करवाई गई है। बघेल ने तंज कसते हुए कहा, “ED पहले आई, कुछ नहीं मिला, अब CBI आई है। अगली बार शायद आईबी भी आ जाए।”

महादेव एप घोटाले की जांच: जानिए पूरा घटनाक्रम

CBI की यह कार्रवाई महादेव बेटिंग एप घोटाले से जुड़ी है, जिसकी जांच पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) और फिर राज्य की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) तथा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) को सौंपी गई थी। अगस्त 2024 में राज्य सरकार ने मामले को CBI को ट्रांसफर कर दिया था।

मार्च 2025 में इस मामले में ACB ने चार्जशीट दाखिल की, जिसमें भूपेश बघेल का नाम भी शामिल किया गया। उन पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 11 के तहत केस दर्ज किया गया है।

बुधवार को तड़के शुरू हुई छापेमारी रायपुर, भिलाई और अन्य स्थानों पर 24 से अधिक जगहों पर चली। बघेल के अलावा उनके करीबी माने जाने वाले नेताओं, पूर्व अधिकारियों और सलाहकारों के ठिकानों की भी तलाशी ली गई। जिनमें भिलाई विधायक देवेंद्र यादव, पूर्व सलाहकार विनोद वर्मा, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, सौम्या चौरसिया और अन्य शामिल हैं।

डिजिटल सबूतों की तलाश में जुटी CBI

CBI टीम ने जांच के दौरान कई डिजिटल उपकरण, दस्तावेज, बैंक लेन-देन से जुड़े रिकॉर्ड और प्रॉपर्टी डील के कागजात जब्त किए हैं। एजेंसी को शक है कि महादेव सट्टा एप घोटाले में बड़े पैमाने पर आर्थिक लेनदेन हुए हैं, जिनमें राजनीतिक संरक्षण की भूमिका हो सकती है।

आज प्रदेशभर में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन

CBI और ED की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस ने आज प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। सभी जिला मुख्यालयों में केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी, पुतला दहन और प्रदर्शन किए जाएंगे।

कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि केंद्र की भाजपा सरकार चुनावी फायदे के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने इसे लोकतंत्र पर हमला और विपक्ष को डराने की साजिश बताया है।

‘सियासी साजिश’ या ‘जांच की मजबूरी’?

भूपेश बघेल का कहना है कि उनके पास की गई सभी प्रॉपर्टी और जमीन के दस्तावेज पहले ही रमन सिंह सरकार के समय जांच के दायरे में आ चुके हैं। फिर ED ने जांच की और अब CBI कर रही है। “अगर कुछ गलत होता तो अब तक सामने आ चुका होता,” उन्होंने कहा।

हालांकि केंद्र सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन जानकार मानते हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी नेताओं पर शिकंजा कसना भाजपा की रणनीति का हिस्सा हो सकता है।

CBI की यह छापेमारी केवल एक कानूनी प्रक्रिया नहीं, बल्कि राजनीतिक तूफान का संकेत है। भूपेश बघेल जैसे कद्दावर नेता के घर पर कार्रवाई और उसके बाद की प्रतिक्रिया ने प्रदेश में राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। कांग्रेस जहां इसे साजिश बता रही है, वहीं भाजपा खामोशी से पूरे घटनाक्रम को देख रही है। आने वाले दिनों में इस पर सियासी बयानबाज़ी और तेज़ होने की संभावना है।