रायपुर। कहते हैं कि जब सियासी जंग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से भी लड़ी जाती है। इसमें कभी नीतियों के जरिए तो कभी विरोधी पार्टी को मुद्दों के जरिए। भाजपा ने एक बहुत बड़ा गुप्त दांव सत्ता के जरिए चला है। जिसे राजनीति के जानकार यह मानते हैं कि आगामी छत्तीसगढ़ नगरी निकाय के चुनाव (Chhattisgarh municipal elections) में अमोघ अस्त्र साबित होगा। इसके जरिए भाजपा जनता की नब्ज नापने की कोशिश करेगी। वह है, अभी हाल ही में प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में 27 जुलाई से शुरू हुए जनसमस्या निवारण पखवाड़ा। इसमें आने वाले लोगों के आवेदनों का डिप्टी सीएम अरुण साव (Deputy CM Arun Sao) ने अधिकारियों से विडियो कांफ्रेसिंग के जरिए समीक्षा भी की। जिसे लेकर उन्होंने आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं।
गौरतलब है कि जनसमस्या निवारण शिविर में वार्डों में मूलभूत सुविधाओं की खस्ताहाल होने की समस्या भी लेकर नागरिक पहुंच रहे हैं। इसमें अधिकांश वार्डों में गार्डन, नाली, सड़क, जलजमाव, गंदगी का निस्तारण नहीं होना सहित लोगों की व्यक्तिगत समस्याएं भी हैं। खास बात यह है कि इसमें अधिकांश समस्याएं ऐसी हैं, जो कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार के दौरान से ही बनी हुई थी, उसकी सूची बनाकर नगरीय प्रशासन विभाग तत्काल दूर करने में जुटा। क्योंकि इसकी निगहबानी खुद नगरीय निकाय मंत्री और डिप्टी सीएम अरुण साव कर रहे हैं। समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर चल रही कार्यवाही के चलते वार्डवासियों को आशा है कि जल्द ही निराकरण हो जाएगा। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो इसके लिए डिप्टी सीएम अरुण साव ने कड़े निर्देश दिए है। क्योंकि अरुण साव को भंली भांति पता है कि कैसे सत्ता और संगठन को लाभ पहुंचाने वाले स्मीकरण को साधना है। इसकी वजह भी है कि अरुण साव भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे, जिनके संगठन के नेतृत्व में भाजपा की प्रदेश में सरकार बनी। ऐसे में इनके फंडे पर चल रही योजनाओं का लाभ नगरीय निकाय के चुनाव में भाजप को मिलना तय है।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने शिविरों के अनुभव के आधार पर कार्ययोजना बनाने को कहा। उन्होंने प्रधानमंत्री स्वनिधि और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ देने शिविरों में स्टॉल लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने जनसमस्या निवारण पखवाड़ा के अंतर्गत वार्डों में आयोजित हो रहे शिविरों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा, जिससे कि लोगों को अपने वार्ड में आयोजित हो रहे शिविर के बारे में पहले से जानकारी हो और वे अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए शिविर में पहुंच सके।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार गरीबों को आवास दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। पूर्ववर्ती सरकार के समय प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत दिसम्बर-2023 के पहले हर महीने 1680 के औसत से आवास बनते थे, जबकि जनवरी-2024 से जून-2024 तक राज्य में हर माह 5018 के औसत से 30 हजार 105 आवासों के निर्माण पूर्ण किए गए हैं।
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