CG-Inside Story : बुझ गया घर का ‘इकलौता चिराग’ तो किसी का छीना कलेजे का टुकड़ा
By : hashtagu, Last Updated : September 24, 2024 | 12:57 am
राजनांदगांव/रायपुर। क्या पता था, सोमवार को स्कूल गए बच्चे और काम से निकला बेटा घर वापस नहीं लौटेगा। बड़े जतन और मिन्नतों से अपने कलेजे के टुकड़ों को भेजा था, लेकिन अचानक आसमान से गिरी बिजली ने सब कुछ छीन लिया। बड़ी बेसब्री से घर के परिजन अपने बच्चों के आने की राह देख रहे थे, तो कोई अपने भाई के काम से लौटने की आस लिए हुए था। उन्हें सूचना मिली आकाशीय बिजली गिरी है। इससे घबराए परिजन घटना स्थल पर तो कोई अस्पताल पहुंचा। जहां उनकी पूरी दुनिया उजडऩे की खबर मिली तो वे बेसुध हो गए।
- उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था, कि उनका बेटा और भाई अब इस दुनिया में नहीं रहा। कुछ क्षण के लिए आंखें पथरा सी गईं, शायद दिल यह मानने को तैयार नहीं था, मेरे कलेजा का टुकड़ा खो चुका है। पिता तो थोड़ा ह्दय को कठोर कर खुद को संभालने की कोशिश की। लेकिन जैसे ही अपनी पत्नी की चीख पुकार सुनी तो वह भी दहाड़ मारकर रोने लगे। एक साथ इतने लोगों की मौत ने वहां मौजूद लोगों को भी हिलाकर रख दिया, इस मातमी मंजर को देखकर हर शख्स अपने आंसू नहीं रोक पाया।
यहां तो मां-बाप का इकलौता सहारा ही काल ने छीन लिया
वैसे तो इस इंतेहा, दर्दनाक अनहोनी ने किसी का बेटा तो किसी का भाई छीन लिया। लेकिन पीयूष साहू की मौत से उनके मां-बाप के घर का इकलौता चिराग ही बुझ गया। अपने बेटे की मौत के सदमे में पति-पत्नी बेसुध हैं। मां का रो-रोकर बुरा हाल है। रह-रह कर बेहोश हो जा रहीं हैं। इस दंपत्ति को संभालने में गांववासी और सगे संबंधी जुटे हैं।
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शायद आज घर से नहीं भेजती अपने लाल को
शोक असहनीय दर्दनाक माहौल में जिन माता-पिता के बच्चों की मौत इस घटना में हुई है। उन घरों से परिजनों की यही चित्कार सुनाई दे रही है कि शायद अपने बेटे को स्कूल नहीं भेजते। लेकिन विधि के विधान को कौन टाल सकता है, कुछ ऐसी ही समझाइश और सांत्वना सगे संबंधी दे रहे हैं। अस्पताल के बाहर और गांव में चीख पुकार और करुण रूदन ही सुनाई पड़ रहा है।
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