रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावी जंग (Chhattisgarh assembly election battle) अब खत्म हो चुकी है। 17 नवंबर को प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है। ऐसे में अब अनुमान और तर्कों के आधार पर कांग्रेस-बीजेपी के सरकार (Congress-BJP government) बनने पर अब चर्चाएं हो रही हैं। 3 दिसंबर मतगणना के दौरान देखने वाली बात होगी कि जनता ने किस पार्टी पर भरोसा जताया।
वहीं बीजेपी को इस बार पिछली बार की अपेक्षा फायदा होता देखा जा रहा है। इसमें कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीटों के फर्क 5 से 10 सीटों का होगा। अगर ऐसा कुछ स्मीकरण बना तो छत्तीसगढ़ में जोगी कांग्रेस और बसपा सत्ता में किंगमेकर की भूमिका में आ जाएंगी। क्योंकि इस बार जोगी कांग्रेस की िस्थति पिछली बार की अपेक्षा बेहतर होती दिख रही है। क्योंकि सतनामी समाज के ज्यादा समर्थन की बात सामने आ रही है। इसके अलावा इस बार सर्वआदिवासी समाज ने भी कांग्रेस और बीजेपी को आरक्षण सहित अन्य मुद्दों पर वोट देने में कंजूसी की है। इससे चर्चा है कि ये फैक्टर भी कहीं न कहीं कांग्रेस और बीजेपी को नुकसान होने की संभावना है। इसमें कांग्रेस को थोड़ा अधिक हो सकता है। क्योंकि पिछली ऐसा स्मीकरण नहीं बना था।
अाप भी अपनी राजनीतिक जमीन को ठीक करने में सफल होती दिख रही है। भले ही सीटें आप के खाते में न आए। लेकिन वोट के प्रतिशत बढ़ाने में सफलता हासिल कर सकती है। बने इन हालात से यही अनुमान और चर्चा है कि कांग्रेस-बीजेपी में सत्ता की कुर्सी की दूरी 5 से 10 सीट तक सीमित रह सकती है। वैसे कांग्रेस भी चमत्कार कर सकती है, लेकिन पिछली बार जितनी सीटें ला पाने पर संशय है।
अधिक वोटिंग को बदलाव का प्रतीक मानने का सरलीकृत आंकड़ा और उसके निष्कर्ष छत्तीसगढ़ में पहले फेल हो चुके हैं। इसलिए ताज़ा चुनाव में इस तरह का निष्कर्ष निकालना ठीक नहीं होगा। सतह पर जो चीजें नज़र आ रही हैं, उससे तो यही लगता है कि 2 करोड़ से अधिक वोटरों वाले छत्तीसगढ़ में, एक करोड़ से अधिक महिला मतदाताओं को हर महीने वाली नकदी का वादा काम कर गया है। इसी तरह धान बेचने वाले किसानों ने भी अपना नफ़ा-नुकसान देख कर वोट डाला होगा, परिवार के सदस्यों को जोड़ लिया जाए तो ऐसे मतदाताओं की संख्या 75 लाख से अधिक हो जाती है।
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की भारी जीत के बाद, उन्हीं विधानसभा इलाकों में, कुछ महीनों बाद हुए लोकसभा चुनाव में भारी हार से यह बात तो स्थापित हो गई थी कि नरेंद्र मोदी पर मतदाताओं का भरोसा बना हुआ है। यह अनायास नहीं है कि भाजपा ने ताज़ा विधानसभा चुनाव में मोदी का ही चेहरा सामने रखा और अपने वादों के लिए मोदी की ही गारंटी दी। क्या मोदी का जादू बरकरार है? अनुमान है कि इस सवाल का जवाब भी मतदाताओं ने ताज़ा चुनाव में दिया होगा।
छग की जनता ने परिवर्तन के लिए वोट किया है- साव
अरुण साव ने भी सोशल मीडिया पर लिखा आप सबने लंबी-लंबी लाइन लगाकर परिवर्तन के लिए वोट किया है। माताओं-बहनों ने मतदान को लेकर विशेष उत्साह दिखाया है। छत्तीसगढ़ फिर से विकास की दिशा में तेज गति से दौड़ने लगेगा। भारी बहुमत से भाजपा की सरकार बन रही है
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण की 70 सीटों पर शुक्रवार को 75.08% वोटिंग हुई है। मतदान पूरा होने के बाद से ही बीजेपी और कांग्रेस समेत अन्य पार्टियां अपनी जीत का दावा करती नजर आ रही है।
(चर्चा और अनुमान पर आधारित)
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