कबीरधाम । छत्तीसगढ़ के जंगल पड़ोसी राज्यों के वन्य पशुओं (Forests of Chhattisgarh and wild animals of neighboring states)को आकर्षित कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले एक घुमन्तु बाघ ने बारनवापारा में अपना स्थाई ठिकाना बना लिया। वहीं रायगढ़ के छाल रेंज में 100 से ज्यादा हाथी डेरा जमाए हुए हैं। अब खबर मिली है कि कान्हा नेशनल पार्क से घूमते हुए एक बाघिन कबीरधाम के जंगल (A tigress in the forest of Kabirdham)पहुँच गई है।
बाघिन की जानकारी तब मिली जब ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचित किया। दरअसल मवेशियों के शिकार के बाद ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचित किया। विभाग ने जब ट्रैप कैमरे लगाए तो बाघिन की झलक दिखी। इसके बाद विभाग उसे लगातार ट्रैक कर रहा है। हालांकि, बाघिन का लगातार मूवमेंट ट्रैक करना विभाग के लिए चुनौती बन गया है। बाघिन की सुरक्षा के मद्देनजर उसकी सटीक लोकेशन को गुप्त रखा गया है।
वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि यदि यह बाघिन यहां स्थायी ठिकाना बनाती है, तो यह क्षेत्र की जैव विविधता के लिए सकारात्मक संकेत होगा। लेकिन बाघिन के आने से स्थानीय ग्रामीणों में चिंता और भय व्याप्त है। अब आने वाला समय ही बताएगा कि बाघिन यहां अपना स्थाई ठिकाना बनाती है, या फिर वह वापस कान्हा जाती है।
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