इस तारीख को निकाली जा सकती है लॉटरी
रायपुर। नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (Urban body and three-tier Panchayat elections) के सियासी लड़ाकों की प्लानिंग अभी राज्य निर्वाचन आयोग की लॉटरी प्रक्रिया (Lottery Process of State Election Commission) में अटकी हुई है। अभी चुनाव लड़ने के इच्छुक भावी उम्मीदवारों की निगाहे आरक्षण की प्रक्रिया पर है। ऐसे में चुनाव लड़ने के दावेदारों की फौज अपने सियासी रण के मैदान तय कर पाने में पेसोपेश में हैं। ऐसे में उम्मीदवार और वर्तमान पार्षद और पंचायतों के जनप्रतिनिधि अपने पुराने क्षेत्र और संभावित इलाकों यानी वार्ड में तैयारी कर शुरू कर चुके हैं। लेकिन अभी कुछ तय नहीं कर पा रहे हैं।
राज्य सरकार द्वारा कैबिनेट में महापौर और अध्यक्षों के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का निर्णय लेने के बाद सबसे ज्यादा रायपुर नगर निगम को लेकर हो रही है। कांग्रेस और भाजपा में सबसे पहले महापौर की सीट के आरक्षण को लेकर हो रही है। सब अपने-अपने स्तर पर कयास लगा रहे हैं। कोई कह रहा है इस बार भी सामान्य हो सकता है, तो कोई कह रहा है इस बार ओबीसी होगा तो कोई महिला के लिए आरक्षित होने की बात कर रहा है।
जानकारी के अनुसार महापौर और वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया 14 से 20 दिसंबर के बीच हो सकती है। इन सबके बीच कुछ अधिकांश पार्षदों को जिन्होंने पिछले बार आरक्षण के कारण दूसरे वार्ड में गए थे उन्हें चिंता सताने लगी है कि इस बार कहीं फिर से आरक्षण की बलि उनका वर्तमान वार्ड न चढ़ जाए। इसलिए अभी से फिर से पुराने वार्ड की ओर रुख करने के लिए अभी से अपनी सियासी जमीन तैयार करने में लगे हुए हैं।
शहरी क्षेत्रों के निकायों में ही चुनाव को लेकर चर्चा नहीं हो रही है बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसकी चर्चा जोरों पर है। ग्राम पंचायतों में भी आरक्षण को लेकर सबकी निगाहें टिकी हुई है। कुछ ग्रामों को लोगों को महिला होने का इंतजार है तो कुछ को पुरुष होने का। महिला होगा किसे प्रत्याशी बनाना है और पुरुष होगा तो किसे प्रत्याशी बनाना है इसे लेकर भी गांवों में दो-तीन गुटों के बीच चर्चा होने लगी है।
चर्चा है कि निकाय चुनाव के लिए 15 दिसंबर के बाद कभी भी आचार संहिता लग सकती है। क्योंकि मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा 11 दिसंबर को किया जाएगा। इसके पहले सभी निकायों को मतदाता सूची में 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके युवाओं के नाम जोड़ने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मतदाता सूची की शुद्धता भी करने को कहा, ताकि बाद में मतदाता सूची को लेकर किसी प्रकार की आपत्ति न आए।
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