CG-Politics Story : गांव और शहरी सत्ता के लिए ‘BJP-कांग्रेस’ का सियासी रण तैयार

नगरीय निकाय और त्रि-स्तरीय पंचायत का चुनावी रण में भाजपा और कांग्रेस (BJP and Congress) दोनों पार्टियां जूझने के लिए तैयार हैं।

  • Written By:
  • Updated On - December 3, 2024 / 02:01 PM IST

  • दोनों पार्टियों ने बनाई रणनीति, बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने पर फोकस

  • इस बार भाजपा की नए युवा चेहरों को चुनावी मैदान में उतारने की कोशिश

रायपुर। नगरीय निकाय और त्रि-स्तरीय पंचायत (Urban bodies and three-tier panchayats) का चुनावी रण में भाजपा और कांग्रेस (BJP and Congress) दोनों पार्टियां जूझने के लिए तैयार हैं। निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ कराने का निर्णय भाजपा सरकार ले चुकी है। साथ ही सोमवार को महापौर को अब जनता सीधे तौर पर चुनेगी। इसके पूर्व ही भाजपा में कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के बैठकों का दौर लगतार जारी है। इसमें खास बात है कि भाजपा ने संदेश दिया है कि संसद से लेकर गांव की पंचायतों तक भाजपा के जीत का झंडा फहरा देना है।

  • इसके साथ ही दो टूक में भाजपा ने अपने पदाधिकारियों को कहा कि जिसकी सामाजिक पृष्ठभूमि अच्छी हो और जनता से जुड़े रहने वालों को ही निकाय और पंचायत के चुनाव में पार्टी का समर्थन मिला चाहिए। यानी जिनकी भूमिका बीते छत्तीसगढ़ की विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में सक्रिय रूप से रही हो, उसे ही भाजपा के कैडर से चुनाव लडऩे की अनुमति दी जाए। भाजपा की इन तैयारियों की अपेक्षा कांग्रेस की तैयारी को लेकर सक्रियता जमीनी स्तर पर कम दिख रही है। ये दीगर बात है कि चुनाव लडऩे के दावेदार अभी से अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं। वैसे संभावना है कि जल्द ही चुनाव की तिथि भी घोषित हो जाए।

भाजपा सक्रिय युवा चेहरे को उतारेगी मैदान में

भाजपा की संभाग स्तरीय बैठकों में आए पदाधिकारियों के बयान से यह कायस लगाए जा रहे हैं कि निकाय और पंचायत चुनाव में पार्टी सक्रिय युवा चेहरे को ही चुनाव लडऩे का मौका देगी। ऐसे में भाजपा के कैडर के चलते आसानी से चुनाव जीतने वाले पुराने वालों को दरकिनार किया जा सकता है।

इस वार्ड का बदलेगा स्वरूप, इसलिए संभावित वार्ड में दावेदार सक्रिय

परिसीमन से वार्डों का स्वरूप भी बदलेगा, इसलिए दोनों पार्टी के दावेदार भी संभावित वार्ड के इलाकों में सक्रिय रूप में देखे जा रहे हैं। दावेदार उन इलाकों में अपने खर्चे पर मतदाता शिविर आयोजित कर लोगों का नाम जुड़वाते रहे हैं। इसमें भाजपा के पार्षद और जनप्रतिधि अव्वल रहे। इसमें कांग्रेस के दावेदार भी चुनाव लडऩे की मंशा से अपने समर्थकों की टोली बनाने में जुटे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार निकाय और पंचायत चुनाव में कांग्रेस की पकड़ी पिछले चुनाव की अपेक्षा पिछडऩे की संभावना है।

कांग्रेस की ये है रणनीति

कांग्रेस की रणनीति है कि राज्य सरकार की नाकामियों को उजागर करना और जनता तक कांग्रेस की नीतियों और विचारों को पहुंचाना है। इसके साथ ही, सम्मेलन के माध्यम से ऐसे दावेदारों की पहचान की जाएगी, जो जमीन स्तर पर काम कर रहे हैं और जिनके जीतने की संभावना ज्यादा है। पार्टी ने यह साफ कर दिया है कि सिफारिश के आधार पर उम्मीदवारों का चयन नहीं किया जाएगा, बल्कि ठोस फीडबैक के आधार पर ही प्रत्याशियों को मौका दिया जाएगा।

हमारे प्रत्याशी सक्रिय सदस्य हों, इसे सुनिश्चित करें : साय

भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय ने बैठक में मार्गदर्शन करते हुए कहा कि आने वाले चुनाव के हमारे प्रत्याशी सक्रिय सदस्य हों, इसे सुनिश्चित करना है। हमारे बूथ के चुनाव, मंडल के चुनाव, जिलों के चुनाव की प्रकिया समय पर पूरी हो तो हम पंचायत चुनाव और निकाय चुनाव में बेहतर सहभागिता दे सकेंगे।

जनता चाहती है कि पंचायत से पार्लियामेंट तक भाजपा के प्रतिनिधि नेतृत्व करें : किरण देव

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने बैठक में पहले रायपुर दक्षिण के उपचुनाव में मिली प्रचंड जीत और महाराष्ट्र चुनाव में छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ताओं की सफल भूमिका हेतु भी बधाई दी। देव ने कहा जनता भी अब चाहती है कि पंचायत से पार्लियामेंट तक भाजपा के प्रतिनिधि नेतृत्व करें। विधासनभा और लोकसभा चुनाव में मिली जीत के बाद अब नगरीय निकाय और त्रि-स्तरीय पंचायत में अब हमें बड़ी जीत अर्जित करनी है।

यह भी पढ़ें : गौतम गंभीर मंगलवार को एडिलेड में भारतीय टीम से जुड़ेंगे