छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र 2025: खाद संकट और राजस्व निरीक्षक भर्ती पर हंगामा
By : dineshakula, Last Updated : July 14, 2025 | 3:29 pm
Chhattisgarh Assembly: छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज से मानसून सत्र (Monsoon session) शुरू हो गया है। यह सत्र काफी हंगामेदार रहा। प्रश्नकाल के दौरान विभागीय परीक्षा में अनियमितता का मुद्दा उठाया गया, जबकि शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने राज्य में खाद-बीज संकट का मुद्दा उठाया।
सदन के पहले दिन, प्रश्नकाल के दौरान विधायक राजेश मूणत ने राजस्व निरीक्षक की विभागीय परीक्षा में अनियमितता का मुद्दा उठाया। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार दोषियों को बचा रही है। इसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की। विपक्ष ने इसपर बहिर्गमन किया। मूणत ने सवाल किया कि राजस्व निरीक्षक की परीक्षा में कितने अभ्यर्थी सम्मिलित हुए थे और परीक्षा की प्रक्रिया क्या थी?
इस पर राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा कि यह परीक्षा विधानसभा चुनाव से पहले हुई थी। परिणाम आने के बाद शिकायतें आईं और जांच में यह पाया गया कि अनियमितता हुई थी। कुछ रिश्तेदार एक साथ बैठे थे, जिनकी जांच EOW द्वारा की जा रही है। किसी भी दोषी को नहीं छोड़ा जाएगा। सीजीपीएससी की तरह इस मामले में भी व्यापक जांच की जाएगी।
राजेश मूणत ने रिपोर्ट में यह बताया कि जीटीए, पत्नी, जीजा और साली सभी एक साथ बैठे थे, फिर भी विभागीय कार्रवाई क्यों नहीं की गई? मंत्री टंक राम ने कहा कि दोषियों को सजा दिलाने के लिए EOW जांच कर रहा है और जल्द कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इस पर विपक्ष ने मांग की कि परीक्षा की पूरी जानकारी सार्वजनिक की जाए। अजय चंद्राकर ने यह सवाल उठाया कि EOW को जांच करने का आदेश किसने दिया, तो मंत्री टंक राम ने बताया कि यह आदेश विभाग ने दिया था।
भूपेश बघेल ने 2024 में हुई परीक्षा पर सवाल उठाया, जिसमें विपक्ष ने कहा कि यह परीक्षा भाजपा सरकार के समय हुई थी। विपक्ष ने भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सरकार पर जमकर नारेबाजी की। भूपेश बघेल ने कहा कि यदि दोषियों को बचाने की कोशिश हो रही है, तो इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जाए।
शून्यकाल में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने राज्य में खाद-बीज संकट का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में खाद की भारी किल्लत है और किसान इससे दुःखी हैं। उन्होंने सरकार से इस पर चर्चा करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस संकट की गंभीरता पर चर्चा करते हुए कहा कि राज्य में खाद की भारी कमी है और किसान मजबूरी में बाहर बाजार से दोगुने दामों पर खाद खरीद रहे हैं।
इसपर कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि किसान उर्वरकों के संतुलित उपयोग के लिए जागरूक किए जा रहे हैं और वैकल्पिक खादों के उपयोग पर भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वैश्विक कारणों से रासायनिक खाद की आपूर्ति प्रभावित हुई थी, लेकिन इसके बावजूद एनपीके उर्वरक का भंडारण लक्ष्य से अधिक किया गया है और पोटाश सहित अन्य खाद का भी भंडारण किया गया है।
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने प्रश्नकाल में महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय बस्तर में पदों की भर्ती के मामले को उठाया। उन्होंने सवाल किया कि कितने पदों की भर्ती स्वीकृत है और क्या आरक्षण रोस्टर का पालन किया गया है? इसके जवाब में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया कि विश्वविद्यालय में 59 शैक्षिक पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था।
इसपर अजय चंद्राकर ने आरोप लगाया कि भर्ती में मनमानी की गई है और 46, 54, 42, 48 साल के व्यक्तियों को चयनित किया गया है, जबकि 40 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों को भर्ती नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिकायत मिलने के बाद एक जांच कमेटी का गठन किया गया है और रिपोर्ट आने के बाद कार्यवाही की जाएगी।



