छत्तीसगढ़: पूर्व UPSC अध्यक्ष प्रदीप कुमार के नियुक्ति पर विवाद

By : dineshakula, Last Updated : June 14, 2024 | 10:47 am

रायपुर १४ जून : मार्च महीने में छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) ने प्रदेश लोक सेवा आयोग के परीक्षाओं को संघ लोक सेवा अयोग की तर्ज पर पारदर्शी बनाने के लिए पूर्व UPSC अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. प्रदीप कुमार जोशी को नियुक्त किया था। इस नियुक्ति को लेकर पिछली रात राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आलोचना की है।

बघेल ने ट्विटर पर जारी बयान में कहा, “प्रदेश भाजपा सरकार ने CGPSC की कार्यप्रणाली ‘सुधारने’ के लिए जो आयोग बनाया है इसके प्रमुख वही प्रो. प्रदीप कुमार जोशी हैं जो NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) के प्रमुख सदस्य भी हैं।”

उन्होंने जारी बयान में आगे कहा, “पूरा देश देख रहा है कि NEET की परीक्षाओं में भारी धांधली के कारण लाखों बच्चों का भविष्य अधर में है। जिस पर पूरे देश के अभ्यर्थी और उनके माता-पिता प्रश्न खड़े कर रहे हैं, उन्हें अब मुख्यमंत्री @vishudsai हमारे बच्चों की व्यवस्था सुधारने के लिए बुलाएँगे?”

बघेल ने आगे कहा, “@ChhattisgarhCMO से अनुरोध है कि प्रदेश के बच्चों को सुरक्षित रखने की दृष्टि से तत्काल आयोग का अध्यक्ष बदलने पर विचार करें।”

यह बगेल की पहली आलोचना नहीं है। उन्होंने इस नियुक्ति को पहले भी आलोचना की थी और बाद में उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से अपने विरोध को जाहिर किया था।

 

भाजपा के प्रवक्ता ने बघेल के आरोपों का किया ख़ंडन

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा उठाए गए आरोपों का जवाब देते हुए, भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता उज्जवल दीपक ने मजबूत रूप से उनके दावों का खंडन किया। उज्जवल ने अपने खिलाफ उठाए गए आरोपों का मुक़ाबला करने के लिए ट्विटर पर ट्वीट किया। उन्होंने कहा, “जिनके ख़ुद के घर शीशे के होते हैं, उनको लाइट बंद करके कपड़े बदलने चाहिएँ। नहीं तो सबको नंगा दिखाई देंगे।” इस बयान के जवाब में उन्होंने बघेल के दावों का मजबूत खंडन किया।