Chhattisgarh exit poll : ‘काका’ फिर सबसे लोकप्रिय! सीटों पर ‘बढ़ने-घटने’ के बनेंगे 9 बड़े कारण
By : hashtagu, Last Updated : November 30, 2023 | 7:01 pm
- चुनावी नतीजे आने से पहले जारी हुए एग्जिट पोल से 9 बड़े संकेत भी मिले
1-कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है, लेकिन ऐसा लगता है कि मतदान की तारीख से एक महीने पहले बीजेपी ने काफी कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है, लेकिन ऐसा लगता है कि मतदान की तारीख से एक महीने पहले बीजेपी ने
2-बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में किए गए वादों से लोगों, खासकर किसान और महिलाओं को आकर्षित किया
विवाहित महिलाओं को 12,000 रुपये प्रति
गरीबों को 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर
भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को 10,000 रुपये
प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीद 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से
महिला, शहरी, ओबीसी और सामान्य जाति और युवाओं (18-35 आयु) में बीजेपी आगे चल रही है।
- पुरुष, ग्रामीण, एससी, एसटी और मुस्लिमों में कांग्रेस आगे
तीन नवंबर को बीजेपी के बाद 5 नवंबर को कांग्रेस का घोषणापत्र जारी किया गया, जहां “किसान लोन माफ” ने बहुत से किसानों को आकर्षित किया, जिससे माहौल फिर से… कांग्रेस के पक्ष में आ गया।
2018 में बीजेपी बहुत बुरी तरह हार गई और दोनों पार्टियों के बीच 10% वोट शेयर अंतर के साथ कुल 90 सीटों में से केवल 15 सीटें ही जीत सकी.मुख्य कारण यह है कि एससी/एसटी/ओबीसी और यहां तक कि उच्च जाति ने बड़े पैमाने पर कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया . लेकिन इस बार बीजेपी ओबीसी, विशेष रूप से साहू (14% जनसंख्या) और उच्च जाति का बड़े स्तर पर वोट हासिल कर सकती है।
बीजेपी बस्तर क्षेत्र में आगे चल रही है, जो सबसे बड़ी हैरान करने वाली बात है . कारण, परंपरागत रूप से पिछले चुनावों में इस क्षेत्र में कांग्रेस आगे रही है . वहीं राज्य के के बाकी हिस्सों में कहानी उलट है।
बसपा ने इस बार जीजीपी (गोंडवाना गणतंत्र पार्टी) के साथ गठबंधन किया . लेकिन पिछली बार की तरह इस बार भी कोई खास प्रभाव नहीं डाल पाई .पिछली बार बसपा ने स्वर्गीय अजीत जोगी की पार्टी जेसीसी (जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे)) के साथ गठबंधन किया था। . तभी भी ये गठबंधन कोई खास आंकड़े हासिल नहीं कर पाया।
इस बार मुकाबला बहुत कांटे का है . मैदान में 4-6 उम्मीदवार छोटे दल और निर्दलीय ऐसे मैदान में हैं . जो त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में अहम रोल निभा सकते हैं . इन दलों में बसपा, जीजीपी, सीपीआई शामिल हैं।
मुख्यमंत्री किसे होना चाहिए? सर्वे में पूछे गए इस सवाल में ‘काका’ यानी भूपेश बघेल नबर वन . 31 फीसदी लोगों ने बघेल के नाम पर मुहर लगाई है . जबकि रमन सिंह के नाम पर 21 फीसदी लोगों ने मुहर लगाई है . टी.एस सिंह देव को महज 2 फीसदी लोगों ने मुख्यमंत्री के रूप में देखा है।
दो चरणों में हुआ था मतदान
बता दें कि राज्य की 90 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में मतदान हुआ था . पहले चरण में 20 तो दूसरे चरण में 70 सीटों पर वोटिंग कराई गई . इस बार 76.31 फीसदी मतदान दर्ज किया गया . जो 2018 के विधानसभा चुनावों के मुकाबले (76.88) मामूली कम है।
इनपुट (मीडिया रिपोर्टस)
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