छत्तीसगढ़ : हाईकोर्ट हाथियों की मौत पर नाराज, पूछा-जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ क्या हुई कार्रवाई ?
By : hashtagu, Last Updated : November 6, 2024 | 8:14 pm
बिलासपुर। करंट से हुई हाथियों की मौत पर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को हाईकोर्ट (High Court)ने ऊर्जा विभाग को कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा है कि घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। अधिकारियों ने बताया कि उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बिभु दत्ता गुरु की दो सदस्यीय पीठ ने राज्य के विभिन्न इलाकों में करंट लगने से हाथियों और अन्य वन्य जीवों की मौत की घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए मामले को जनहित याचिका के तरह सुनवाई कर रही है।
मामले पर जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि अदालत ने रायगढ़ जिले में तीन हाथियों की मौत (death of three elephants)के बाद राज्य के ऊर्जा विभाग के सचिव और बिजली वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक से सफाई भी मांगा है। हाईकोर्ट ने पूछा है कि वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए क्या आवश्यक कदम उठाए गए हैं। कोर्ट ने पूछा कि इन मामलों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। मामले में अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी।
करंट से हाथियों की मौत
राज्य में पिछले दिनों रायगढ़ वन मंडल के चुहकीमार वन क्षेत्र में एक शावक सहित तीन मादा हाथियों की करंट लगने से मौत हो गई थी. इस मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा, बिजली विभाग के लापरवाही के चलते जमीन से बमुश्किल तीन-चार मीटर ऊपर लटके रहे 11 केवी के बिजली के तार के संपर्क में आने से उनकी मौत हो गई।
कोर्ट ने कहा, जब यह स्पष्ट नियम है कि कृषि क्षेत्र और वन क्षेत्र से गुजरने वाले बिजली के तार जमीन से कम से कम 7.5 मीटर ऊंचाई पर होने चाहिए तो इसका पालन क्यों नहीं हुआ और बिजली के खुले तारों की जगह इंसुलेटेड केबल का उपयोग किया जाना चाहिए इस नियम का भी पालन नहीं किया गया।
2001 से अबतक 78 मौत
इस सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने बताया कि वर्ष 2001 से लेकर अबतक राज्य में करंट लगने से 78 हाथियों की मौत हो चुकी हैं. राज्य में पिछले कुछ दिनों में करंट लगने से कई वन्य जीवों की मौत हो चुकी हैं। हाईकोर्ट में एक वन्य जीव कार्यकर्ता ने याचिका दायर कर बताया कि एक नवंबर 2024 को बिलासपुर वन मंडल के तखतपुर वन परिक्षेत्र में भी करंट लगने से हाथी के एक बच्चे की मौत हो गई। इसके अलावा 10 अक्टूबर को कांकेर में करंट लगने से तीन भालुओं की भी मौत हो गई थी। वहीं अक्टूबर माह में ही वन्यजीवों के शिकार के लिए बिछाए गए बिजली के तारों की चपेट में आकर तीन लोगों की भी मौत हो चुकी है।
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