रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Assembly Election) से पूर्व बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व का पूरा फोकस छत्तीसगढ़ है। क्योंकि यहां विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव होगा। ऐसे में BJP शीर्ष नेतृत्व (BJP’s Top Leadership) का पूरा फोकस संगठन को मजबूत बनाने में है। क्योंकि इस बार बीजेपी सिर्फ पीएम मोदी के कामों की फेहरिश्त पर ही चुनाव लड़ेगी।
केंद्र सरकार की योजनाओं की ब्राडिंग और पीएम मोदी के 9 साल के कामों से मिले लाभ के बारे में जनता में ले जाने की तैयारी है। इसकी शुरूआत भी छत्तीसगढ़ बीजेपी ने कर भी दिया है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सरकार को घेरने के लिए मुद्दे भी उठा रही है। बतौर उदाहरण गौठान, शराब घोटाला, चावल घोटाले सहित अन्य मुद्दे पर कांग्रेस पर वार करना शुरू कर दिया है।
बीजेपी कांग्रेस को सार्वजनिक मंच और सोशल मीडिया के प्लेटफार्म के जरिए घरने में जुटी है। इसके पीछे कारण है कि कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल किया है। 90 विधानसभा सीटों पर बीजेपी महज 14 सीटों पर सिमट गई थी। ऐसे में बीजेपी पार्टी की आंतरिक रिपोर्ट भी बनाने में जुटी है। जिस पर वर्क करने के लिए छत्तीसगढ़ में अमित शाह से लेकर गिरिराज सिंह तक दौरा कर चुके हैं। इसके अलावा भी अन्य नेताओं का दौरा जारी है। 22 जून को जहां अमित शाह और 30 जून को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी बिलासपुर आ रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में सत्ता वापसी के लिए BJP जीतोड़ मेहनत कर रही है। 30 जून को जेपी नड्डा के बिलासपुर दौरे पर सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। पार्टी के सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने चुनाव में एक अनुमाति उम्मीदवारों की सूची को भी लगभग फाइनल कर लिया है। यहां पुराने नेताओं को इस बार अधिकांश को चुनाव लड़वाने के बजाए पार्टी के संगठन के कार्यों में लगाया जाए। ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल किया जा चुके है। साथ ही लोकसभा चुनाव में पुराने नेताओं को संसदीय सीटों की जिम्मेदारी दी जा सके।
बस्तर संभाग के विधानसभा सीटों को टारगेट करने के लिए वहां के संगठन में एक नए नेतृत्व देने की कोशिश की जा रही है। यही कारण है कि प्रदेश प्रभारी ओम माथुर वहां लगातार इधर बीच 3 दिन के दौरे पर थे। इसके बाद अब अमित शाह भी आएंगे। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी आएंगे। जहां वे संगठन को मजबूत बनाने कामकाज की रिपोर्ट भी लेंगे। साथ ही पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से बातचीत भी करेंगे। चर्चा है कि इस बार मोदी के चेहरे पर विधानसभा चुनाव में बीजेपी उतरेगी। साथ ही नए चेहरे पर ही बीजेपी दांव लगाएगी। इसके अलावा बीजेपी बूथ को मजबूत करने के अलावा पार्टी में नए लोगों को जोड़ने पर भी काम चल रहा है। इधर बीच बीजेपी के आदिवासी नेता नंदकुमार साय के कांग्रेस में शामिल होने बाद से बीजेपी ने अनुसूचित जनजाति के लोगों को जोड़ने की भी मुहिम चल रही है।
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