छत्तीसगढ़। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरएसएस और इसके प्रमुख पर हमला करते हुए पूछा कि आरएसएस प्रमुख एक वर्ग विशेष के लोग ही क्यों बनते हैं क्यों कोई दलित आदिवासी संघ का प्रमुख क्यों नहीं बनता ब्राह्मण लोग ही बनते हैं। कहा कि हमारे सेवादल की नकल करके तो आगे बढ़ रहे हैं। सेवादल 1923 में बना जबकि आरएसएस 1925 में कांग्रेस पार्टी के मुद्दे और विचारों की नकल करके आगे बढ़ रहे हैं। गाय-राम स्वदेशी और वंदे मातरम सबसे पहले हमने कहा आरएसएस के पास नया क्या है। भानुप्रतापपुर के दौरे से रायपुर लौटे मुख्यमंत्री ने हेलीपैड पर यह बातें मीडिया से कही।
छत्तीसगढ़ में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का जब से दौरा शुरू हुआ है। मोहन भागवत को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में बयानबाजी तेज हो गई है हालांकि छत्तीसगढ़ में 2023 में विधानसभा चुनाव होने वाला है। जिसको लेकर कांग्रेस और बीजेपी अपनी चुनावी रणनीति तैयार कर रही है। जिस तरह से मोहन भागवत का दौरा आदिवासी क्षेत्रों में हो रहा है। इसको लेकर कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से तिलमिला गई है। क्योंकि पिछले चुनाव में कांग्रेस पार्टी आदिवासी वोट बैंक के सहारे सत्ता पर आसीन हुई थी। कांग्रेस पार्टी को लगता है। जिस तरह से आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आदिवासी समुदाय में अपनी पकड़ बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। कहीं यह वोट बैंक कांग्रेस पार्टी से खिसक न जाए। छत्तीसगढ़ में आदिवासी वोट एक बड़ा वोट बैंक है। विधानसभा में 29 विधानसभा सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं। यह वोट बैंक और इन सीटों पर जिन पार्टी का कब्जा होता है उसको सत्ता का सरताज मिलता है।
इन दिनों छत्तीसगढ़ में 32% आरक्षण को लेकर आदिवासी समाज पूरी तरह से सत्ता से नाराज चल रहा है आदिवासी समाज लगातार सड़कों पर प्रदर्शन कर रहा है ऐसे में भूपेश सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। हालांकि सरकार ने 1 और 2 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है और 32% आरक्षण मामले पर एक बड़ा फैसला ले सकती है। सर्व आदिवासी समाज आरक्षण के मुद्दे पर आंदोलनरत है।