CM साय की अफसरों को फटकार: नशा, सड़क हादसे और अवैध उत्खनन पर सख्त कार्रवाई के निर्देश
By : dineshakula, Last Updated : October 13, 2025 | 9:45 pm
रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) ने छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक व्यवस्था को सुधारने के लिए 12 अक्टूबर से तीन दिवसीय समीक्षा बैठक शुरू की है। सोमवार को हुई SP कॉन्फ्रेंस में उन्होंने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों से कानून-व्यवस्था, नशे के अवैध कारोबार और सड़क सुरक्षा को लेकर सख्त निर्देश दिए।
सीएम साय ने कहा कि NDPS एक्ट के तहत दर्ज मामलों में समयसीमा में कार्रवाई हो और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अंतरराज्यीय सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध गतिविधियों की निगरानी बढ़ाने को भी कहा गया।
मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता जताते हुए अधिकारियों से कहा कि हेलमेट और सीट बेल्ट न पहनने, नशे में गाड़ी चलाने जैसे मामलों पर कड़ी कार्रवाई हो। उन्होंने ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर वहां सुधार कार्य तेजी से पूरा करने के निर्देश भी दिए।
नशाखोरी पर रोक लगाने के लिए व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश भी दिए गए हैं। सीएम ने कहा कि युवाओं को जागरूक किया जाए और समाज में नशे के दुष्परिणामों को लेकर स्पष्ट संदेश पहुंचे।
रविवार को मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों के कामों की समीक्षा की थी और लापरवाह अधिकारियों को फटकार भी लगाई थी। अधिकारियों से कहा गया कि जमीनी स्तर पर कार्रवाई हो और जनहित में ठोस परिणाम सामने आएं।
कांग्रेस का सरकार पर हमला
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने मुख्यमंत्री साय की इस बैठक को दिखावा बताया। उन्होंने कहा कि अवैध रेत उत्खनन पर सरकार ने कलेक्टरों से लिखवाया हुआ डायलॉग पढ़वाया और जिम्मेदारी उन पर थोप दी। जबकि खुद मुख्यमंत्री ने ही अवैध रेत उत्खनन की बात मानी है।
बैज ने आरोप लगाया कि धान खरीदी, मिलर्स से एग्रीमेंट जैसे मामलों में भी कलेक्टरों को डराया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार में सुशासन पर चर्चा का साहस नहीं है, इसलिए कॉन्फ्रेंस का तीसरा दिन स्थगित कर दिया गया।
आदिवासी प्रदर्शन और कानून व्यवस्था पर सवाल
कवर्धा में आदिवासी समुदाय के प्रदर्शन को लेकर बैज ने कहा कि वहां का माहौल पूरी तरह तनावपूर्ण है और जिला छावनी में तब्दील हो गया है। आम आदमी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है, इसलिए लोग सड़कों पर उतर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार कानून व्यवस्था संभालने में असफल है और मुख्यमंत्री का सुशासन केवल एक दिखावा है।
वन अधिकारियों की बैठक और शासन संवाद कार्यक्रम
सोमवार को दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक DFO कॉन्फ्रेंस भी हुई, जिसमें वन विभाग की योजनाओं, वन्यजीव संरक्षण और संसाधनों के प्रबंधन पर चर्चा हुई। इसके बाद शाम 4.15 बजे से 7.30 बजे तक “शासन संवाद” कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें अधिकारियों और नीति-निर्धारकों के बीच सुझाव और अनुभव साझा किए गए।
सीएम साय ने इस कॉन्फ्रेंस को सुशासन और प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने का अहम मंच बताया।



