दीपक बैज बोले, सिर्फ 4 फरवरी तक ‘धान खरीदी’ की तिथि बढ़ाना अपर्याप्त

By : hashtagu, Last Updated : January 31, 2024 | 11:01 pm

  • धान खरीदी की तिथि 1 मार्च तक बढ़ाई जाय -दीपक बैज
  • 3100 कीमत और एकमुश्त भुगतान कब होगा सरकार बतायें?
  • रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज (MP Deepak Baij) ने कहा कि धान खरीदी (Purchased paddy) की तारीख सिर्फ 4 फरवरी तक बढ़ाया जाना अपर्याप्त है। 1 मार्च तक धान खरीदी की तारीख बढ़ाई जाये ताकि लक्ष्य की प्राप्ति हो तथा सभी किसान अपना धान बेच सके। अभी भी 5 लाख से अधिक किसान धान बेच नहीं पाये है, वहीं 21 क्विंटल के हिसाब से पूर्व में 20 क्विंटल धान बेच चुके किसानों से प्रति एकड़ 1 क्विंटल अतिरिक्त धान की खरीदी की जानी है। इस वर्ष क़े लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 135 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया था, तब प्रति एकड़ 20 क्विंटल की खरीदी तय हुआ था, वर्तमान में ज़ब प्रति एकड़ 21 क्विंटल खरीदी क़े आदेश जारी हो गए है तो लक्ष्य भी बढ़ेगा कम से कम 150 लाख मीट्रिक टन खरीदी पहुंचेगी। इसलिये एक महीने धान की खरीदी बढ़ाई जाये।

    प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि किसानों को भाजपा अपने वादानुसार धान की क़ीमत 3100 रु. प्रति क्विंटल भुगतान तत्काल करें। भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किसानो से वादा किया है कि वह धान की क़ीमत 3100 रु. प्रति क्विंटल देगी तथा इसका एकमुश्त भुगतान धान बेचने  के तुरंत बाद खरीदी केन्द्रों की ग्राम पंचायतों में ही अलग से काउंटर बना कर किया जायेगा। इस संबंध में शासन के तरफ से कोई निर्णय अभी तक नहीं लिया गया है, जिसके कारण उनको समर्थन मूल्य पर ही भुगतान हो रहा है। किसान चिंतित है कि उनको 3100 रु. की क़ीमत कैसे और कब मिलेगी? किसानों को समर्थन मूल्य 2183 रू. की ही भुगतान हो रहा है। किसानों को 3100 रु. की क़ीमत कैसे और कब मिलेगी? सरकार को इसको स्पष्ट करना चाहिये।

    प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा विधानसभा में पेश किये गए अनुपूरक बजट में भी धान खरीदी क़े लिए कोई वित्तीय व्यवस्था नहीं है इससे और ज्यादा किसानों की चिंता बढ़ गयी है। कांग्रेस मांग करती है कि प्राथमिकता क़े आधार पर धान की क़ीमत 3100 रु. एक मुश्त भुगतान का निर्णय लेकर क्रियान्वित करवाया जाय ताकि किसानों को उनकी फ़सल की पूरी क़ीमत मिल पाए।

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