कोयला स्कैम : रानू-समीर-सौम्या के रिश्ते-नातेदारों को ACB-EOW ने भेजा समन! जानिए, क्या है इसकी बड़ी वजह

छत्तीसगढ़ कोयला घोटाले मामले में ACB-EOW ने कार्रवाई तेज कर दी है। घोटाले के आरोप में जेल में बंद आरोपी निलंबित रानू साहू ,समीर विश्वोइ

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  • Updated On - August 21, 2024 / 02:31 PM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ कोयला घोटाले मामले (Chhattisgarh coal scam cases) में ACB-EOW ने कार्रवाई तेज कर दी है। घोटाले के आरोप में जेल में बंद आरोपी निलंबित रानू साहू ,समीर विश्वोइ और पूर्व सीएम की उप सचिव रही सौम्या चौरसिया के रिश्तेदारों को समन जारी किया गया है।

  • गौरतलब है कि 16 अगस्त को छत्तीसगढ़ ACB/EOW टीम ने निलंबित IAS समीर विश्नोई, रानू साहू और राज्य प्रशासनिक सेवा की निलंबित अधिकारी सौम्या चौरसिया के 24 ठिकानों पर छापे मारा था। इनमें छत्तीसगढ़ सहित राजस्थान, झारखंड और बेंगलुरु शामिल थे। यह कार्रवाई कोल लेवी केस में आय से अधिक संपत्ति मामले में की गई थी।

रिश्तेदारों की बढ़ी मुश्किलें

जेल में बंद तीनों आरोपियों को रिश्तेदारों की मुश्किलें बढ़ गई है। परिजनों को समन जारी कर पूछताछ के लिए दफ्तर बुलाया है। मिली जानकारी के मुताबिक छापे के दौरान ACB की टीम को करोड़ों रुपए के च अचल संपत्ति की जानकारी मिली है।

इनमें जमीन के पेपर,फार्म हाउस, मकान सहित अलग-अलग प्रॉपर्टी और निवेश के पेप​​​​र मिलें है। इस संबंध में ACB की टीम परिजनों से पूछताछ करेगी और वैरिफिकेशन के बाद उन संपत्तियों को सीज करने की भी कार्रवाई करने की तैयारी है।

तीनों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस

ACB- EOW ने निलंबित IAS रानू साहू सहित जेल में बंद निलंबित उप सचिव सौम्या चौरसिया और समीर बिश्नोई के खिलाफ 2 जुलाई को नई FIR दर्ज की थी। जिसमें तीनों पर आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के तहत मामला दर्ज किया गया है।

  • सिंडिकेट बनाकर हुई 570 करोड़ की वसूली
  • छत्तीसगढ़ में अवैध कोल लेवी वसूली का मामला ED की रेड में सामने आया था। दावा है कि, कोल परिवहन में कोल व्यापारियों से वसूली करने के लिए ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर दिया गया था। खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक IAS समीर बिश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को इसके लिए आदेश जारी किया था।

इसके लिए सिंडिकेट बनाकर वसूली की जाती थी। पूरे मामले का मास्टरमाइंड किंगपिन कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया। जो व्यापारी 25 रुपए प्रति टन के हिसाब से अवैध रकम सूर्यकांत के कर्मचारियों के पास जमा करता था। उसे ही खनिज विभाग पीट पास और परिवहन पास जारी करता था। इस तरह से स्कैम कर कुल 570 करोड़ रुपए की वसूली की गई।

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