कांग्रेस का वार! 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी से ‘खौफजदा’ BJP फिर रच रही षडयंत्र
By : hashtagu, Last Updated : September 11, 2023 | 10:40 pm
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता प्रकाश मणी वैष्णव (State Congress spokesperson Prakash Mani Vaishnav) ने कहा कि हर बार भूपेश सरकार द्वारा की गई सफल धान खरीदी और इस बार की गयी 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी की घोषणा से भाजपा बुरी तरह खौफ़जदा (BJP is very scared) है। भाजपा जानती है कि इस चुनावी वर्ष में 20 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से सफलतापूर्वक धान खरीदी हो गई तो किसान विरोधी होने की पर्याय बन चुकी भाजपा को इस चुनाव में 14 सीट बचाने में भी मुश्किल जाएगी। इसलिए हर बार की तरह इस बार भी छत्तीसगढ़ भाजपा मोदी सरकार के साथ मिलकर धान खरीदी को बाधित करने का षड्यंत्र रच रही है।
इस षड्यंत्र की शुरुआत मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार से चावल खरीदी के कोटे को घटाकर किया है। भूपेश सरकार से भयभीत मोदी सरकार और भाजपा ने छत्तीसगढ़ से चावल खरीदी के कोटे को 86 लाख मिट्रिक टन से घटाकर 61 लाख मिट्रिक टन कर दिया है और इसीलिये मोदी सरकार ने बायोमीट्रिक सिस्टम को अनिवार्य किया है जिस पर रोक के लिये भूपेश सरकार ने मोदी सरकार को पत्र भी लिखा है। मोदी सरकार चाहती है कि भूपेश सरकार धान खरीदी को लेकर अपने कदम पीछे हटा ले मगर भूपेश सरकार किसान कल्याण के संकल्प को लेकर सरकार में आई है और कितनी भी विपरीत परिस्थिति मोदी सरकार पैदा कर ले भूपेश सरकार अपना वादा पूरा करेगी।
- प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता प्रकाश मणी वैष्णव ने कहा कि इस प्रकार की ओछी हरकत मोदी सरकार द्वारा पहली बार नहीं की गई है, भूपेश सरकार द्वारा किए जा रहे उत्कृष्ट कार्ययोजनाओं और छत्तीसगढ़ मॉडल की ख्याति देखकर कुंठाग्रस्त मोदी सरकार लगातार छत्तीसगढ़ के प्रति भेदभाव पूर्ण रवैया बनाए हुए है। मोदी सरकार बार-बार संघी ढांचे पर प्रहार कर भूपेश सरकार के कामों में अड़चन डालने का प्रयास करती रही है। जब भूपेश सरकार ने किसानों को 2500 रु समर्थन मूल्य देने की बात कही तब मोदी सरकार ने सेंट्रल पूल में चावल लेने से मना कर दिया, धान खरीदी के समय केंद्र सरकार बारदाने की आपूर्ति रोक देती है, कभी मोदी सरकार कहती है कि हम केंद्रीय पूल में उसना चावल नहीं लेंगे।
छत्तीसगढ़ भाजपा के नेता जब भी मोदी सरकार के साथ मिलकर धान खरीदने में अड़चन डालने का प्रयास करते हैं भूपेश सरकार हर बार कोई नया तरीका अपने वादे को पूरा करने के लिए निकाल लेती है। जब भूपेश सरकार द्वारा 2500 रु समर्थन मूल्य देने पर केंद्रीय पूल में चावल न लेने की बात मोदी सरकार द्वारा कही गई तब भूपेश सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना लाकर अपना वादा निभाया। जब मोदी सरकार ने उसना चावल लेने से मना कर दिया तब भी भूपेश सरकार ने किसानों से 2500 रु में खरीदी कर बाजार में 1300-1400 में नीलाम कर घाटा सहा मगर किसानों को घाटा नहीं सहने दिया। भूपेश सरकार ने पिछली बार धान खरीदी के लिए 35000 करोड़ कर्ज लिया था और इस बार भी जरुरत पड़ी तो लेंगे मगर किसानों के हित पर आँच आने नहीं देंगे।
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