कांग्रेस का अरुण साव पर वार! BJP ‘कार्यकर्ताओं’ का भी भरोसा नहीं जीत पाए

By : hashtagu, Last Updated : August 12, 2023 | 10:27 pm

रायपुर। भाजपा के अध्यक्ष अरूण साव (BJP President Arun Sao) के एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला (Congress Communications Department President Sushil Anand Shukla) ने कहा कि अंततः उन्होंने एक वर्ष कार्यकाल पूरा कर ही लिया उनको शुभकामनायें, लेकिन इस एक साल में जनता का तो छोड़िये अरूण साव भाजपा के कार्यकताओं का भी भरोसा नहीं जीत पाये, भाजपा केन्द्रीय नेतृत्व भी उनके नेतृत्व क्षमता पर भरोसा नही कर पा रहा है यही कारण है कि छोटी-छोटी समितियों को बनाने के लिये स्वंय अमित शाह और ओम माथुर को बैठना पड़ता है अमित शाह को भाजपा के नियमित संगठनिक कार्यो को पूरा करने चुनाव तैयारियों की बैठक लेने हर हफ्ते छत्तीसगढ़ आना पड़ता है। भाजपा अपने अरूण साव को अपना चेहरा मानने तक से इंकार करती है।

अरूण साव विश्वसनीयता के संकट से गुजर रहे

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि अरूण साव को विश्वसनीयता के संकट के दौर से गुजरना पड़ रहा है न उनका शीर्ष नेतृत्व उन पर भरोसा कर रहा है और न ही राज्य भाजपा के वरिष्ठ नेता उनका नेतृत्व स्वीकार करने को तैयार है और न ही भाजपा के कार्यकर्ता उन पर भरोसा करने को तैयार है ऐेसे में अरूण साव भाजपा के बेचारे अध्यक्ष साबित हो रहे है। सिवाय मोदी की चाटुकारिता के उनके पास कोई काम नही बचा है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लोकप्रियता उनकी सरकार की योजनाओं के सामने छत्तीसगढ़ में भाजपा के सारे नेता बौने साबित हो गये है। भाजपा नेतृत्व को समझ ही नही आ रहा किसे आगे करे इसीलिये भाजपा ने साढ़े चार साल में चार अध्यक्ष बदल लिया, नेता प्रतिपक्ष बदल लिया। 2018 में धरमलाल कौशिक के अध्यक्ष रहते भाजपा विधानसभा चुनाव हार गयी। उसके बाद विक्रम उसेंडी अध्यक्ष बनाये गये उनके नेतृत्व में चित्रकोट, दंतेवाड़ा उपचुनाव, निकाय चुनाव हारने के बाद नया अध्यक्ष विष्णुदेव साय को बनाया गया उनके नेतृत्व को भी जनता ने नकार दिया दो उपचुनाव मारवाही, खैरागढ़ पंचायत और नगरीय निकाय के दूसरे चरण में भाजपा बुरी तरह हार गयी अब अरूण साव को आगे लेकर आये है। उनके नेतृत्व में भाजपा भानुप्रतापपुर उपचुनाव हार गयी अब 2023 का विधानसभा चुनाव हारने की तैयारी है।

यह भी पढ़ें : यहां तो गजब का क्राइम! सब्जी वाले के खाते में आ गए करोड़ों