‘राहुल गांधी’ के दोषी करार देने पर ‘कांग्रेस’ का प्रदर्शन, ‘मोहन मरकाम’ ने संभाली कमान!,देखें VIDEO

मोदी सरनेम (Modi surname) मामले में गुजरात की सूरत अदालत ने राहुल गांधी को दोषी करार देने पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम (Congress State President Mohan Markam) के नेतृत्व में पूरे राज्य में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुआ।

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  • Updated On - March 23, 2023 / 02:25 PM IST

छत्तीसगढ़। मोदी सरनेम (Modi surname) मामले में गुजरात की सूरत अदालत ने राहुल गांधी को दोषी करार देने पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम (Congress State President Mohan Markam) के नेतृत्व में पूरे राज्य में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। 

राजधानी के अंबेडकर चौक पर मोहन मरकाम, कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंदशुक्ला सहित कांग्रेसी नेता सड़क पर बैठकर विरोध जताया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ है, केंद्र की तानाशाही नहीं चलेगी जैसे नारे लगाए।

इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा, राहुल गांधी के साथ आज पूरा देश एकजूट है। यही कारण है कि भारत जोड़ो यात्रा से घबराई मोदी सरकार इनके खिलाफ साजिश कर रही है। इससे कांग्रेसी डरने वाले नहीं है। राहुल के समर्थन में और केंद्र सरकार के खिलाफ नाराें से लिखी तख्तियां कांग्रेस कार्यकर्ता लिए हुए थे। राहुल गांधी को मोदी सरनेम के मामले में दोषी करार दिए जाने की सूचना दोपहर तक पूरे छत्तीसगढ़ में फैल गई। ऐसे में स्वफूर्त दोपहर तक यह एक आंदोलन का रूप ले लिया। इसमें पार्टी कार्यकर्ताओं के अलावा आमजन ने भी अपनी भूमिका निभाई।

‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में राहुल दोषी करार, मिली जमानत

(आईएएनएस के हवाले से) गुजरात की सूरत जिला अदालत ने गुरुवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को 2019 में उनकी ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी को लेकर मानहानि के मामले में दोषी ठहराया। गांधी को भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत दोषी ठहराया गया। इस धारा के तहत अधिकतम सजा दो साल की सजा है। हालांकि, राहुल गांधी के वकील ने कहा कि कोर्ट ने मामले में राहुल को अपील के अधिकार की अनुमति देते हुए दो साल की सजा को घटाकर 30 दिन कर दिया है और जमानत दे दी है।

गौरतलब है कि बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ उनकी टिप्पणी सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों है? पर केस दर्ज कराया था। शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि विवादास्पद टिप्पणी 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली में की गई थी, जिसने पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया था। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा ने मामले में पिछले सप्ताह दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च की तारीख तय की थी।