छत्तीसगढ़। अभी जेएनयू विश्वविद्यालय में BBC की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री इंडिया द मोदी क्वेश्चन (Documentary India The Modi Question) का विवाद थमा भी नहीं था। इसी बीच राजधानी रायपुर के पंडित रवि शंकर विश्वविद्यालय (Pandit Ravi Shankar University) के कामन हॉल में दो घंटे तक इस डॉक्यूमेंट्री को 30 से 40 छात्रों ने देखा। बता दें, इस दौरान एक गुट ने संविधान जिंदाबाद के नारे लगाए तो दूसरे गुट ने इसका विरोध भी किया।
बहरहाल, अब इस मामले में कोई भी छात्र बोलने को तैयार नहीं है। इधर, इसकी सूचना मिलने पर रविवि प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले में कोई भी जिम्मेदार अफसर बोलने से कुछ भी इंकार कर रहा है। बताया जा रहा है क्यूआरकोड से स्कैन कर इस डॉक्यूमेंट्री को छात्रों ने देखा। इस दौरान छात्रों के एक दूसरे गुट ने विवादित प्रदर्शन का विरोध किया, जिसकी वजह से थोड़ी देर तक हंगामा भी हुआ। रविवि प्रशासन ने छात्रों को चेतावनी दी है कि इसकी स्कीनिंग कर न देखी जाए।
बता दें, केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने डॉक्यूमेंट्री के पहले एपिसोड को दिखाने वाले तमाम वीडियो को यूट्यूब से हटाने का निर्देश दिया है। वीडियो के किसी भी हिस्से को ट्विटर पर भी शेयर करने से रोक भी लगाई गई है। सरकार इसे भारत विरोधी प्रोपगंडा फिल्म बता रही है।
बताया जा रहा है यह प्रदर्शन हॉस्टल के कॉमन रूम में किया गया। यहां करीब दो घंटे तक बीबीसी की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री चलाई गई। इस दौरान हॉस्टल में रहने वाले कुछ छात्रों ने इस तरह के प्रदर्शन का विरोध भी किया। उनका कहना था कि इस तरह सरकार को भड़काने से छात्रों का नुकसान हो सकता है। इस दौरान थोड़ी देर तक हंगामा भी हुआ लेकिन फिल्म का प्रदर्शन जारी रहा। बाद में गणतंत्र दिवस अमर रहे और संविधान जिंदाबाद जैसे नारे भी लगे।