बच निकला ‘खूंखार माओवादी’ हिड़मा, तेलगू भाषा की प्रेस नोट किया जारी
By : madhukar dubey, Last Updated : January 12, 2023 | 9:07 pm

जगदलपुर। (Maoist Commander Hidma) माओवादी कमांडर हिड़मा के नहीं मारे जाने की घोषणा तेलंगाना (भद्राद्रि कोत्तागुड़म अलूरी सीतारामाराजू) डिविजन कमेटी के सचिव आजाद ने की है। आजाद ने तेलगु भाषा में प्रेस नोट जारी किया है। माना जा रहा है कि वह मुठभेड़ (Encounter) से बचकर निकला गया है।
बता दें, सीजी-तेलंगाना बॉर्डर पर फोर्स और माओवादियों के बीच मुठभेड़ की खबर थी। इसी बीच माओवादियों ने बुधवार को भी एक प्रेस नोट जारी कर आरोप लगाया था कि फोर्स ने ड्रोन और हवाई बमबारी की थी। जिससे कुछ गांवों में दहशत का माहौल है। जबकि गुरुवार को नक्सली लीडर आजाद ने कहा कि, फोर्स ने क्करुत्र्र (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) पर हवाई बमबारी भी की है। गई गांवों में बम गिराए गए हैं। हालांकि, फोर्स की इस कार्रवाई से माओवादी पार्टी और आम जनता को कोई नुकसान नहीं हुआ है। आजाद का कहना है कि, हवाई हमले पर नक्सल संगठन ने भी फोर्स को करारा जवाब दिया है।
आईजी बोले- गलत आरोप है, कुछ भी नहीं हुआ था
माओवादियों के हवाई हमले के इन आरोपों के बाद बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने इसे फोर्स को बदनाम करने की नक्सलियों की साजिश बताया है। ढ्ढत्र ने कहा कि, बस्तर में माओवादियों की ताकत अब धीरे-धीरे कम होती जा रही है। उनके पैरों से जमीन खिसक रही है। इसलिए वे बौखलाए हुए हैं। आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि, इससे पहले भी माओवादी फोर्स पर इस तरह का आरोप लगा चुके हैं। लेकिन, ये आरोपों कभी प्रूफ नहीं हो पाए हैं। आईजी का कहना है कि, नक्सली कमजोर होते जा रहे हैं। इसलिए अपने कैडर्स का मनोबल बनाए रखने के लिए वे तरह की बातें कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि, मुठभेड़ में हमारे सारे जवान सुरक्षित हैं।
जानिए कौन है माडवी हिड़मा ?
बस्तर के पूवर्ती गांव में रहने वाला माडवी हिड़मा गांव के ही प्राथमिक स्कूल में पढ़ाई करता था। उस वक्त इलाके में सक्रिय नक्सली ने हिड़मा की एक्टिविटी देख कर उसे नक्सलियों के बाल संघम में भर्ती किया था। हिड़मा की आगे की पढ़ाई नक्सली स्कूल में ही हुई। हिड़मा के फुर्तीले शरीर को देखते हुए नक्सलियों ने इसे अपने रुह्रस् ग्रुप में शामिल किया था। हिड़मा की बनाई योजना में माओवादियों को कई सफलताएं भी मिली। यह नारायणपुर, बीजापुर , गढ़चिरौली में कई सालों तक सक्रिय था। फिर बड़े लीडरों ने कोंटा एरिया कमेटी के जॉइंट प्लाटून का कमांडर बनाया था। वहीं २००७ से लेकर २०२१ तक इसने कई बड़ी नक्सल घटनाओं को अंजाम दिया। साथ ही वर्तमान में यह नक्सलियों की मिलिट्री बटालियन नंबर १ का कमांडर और ष्ठ्यसर््ंष्ट मेंबर भी है। इसपर २५ लाख रुपए से ज्यादा का इनाम घोषित है।