नवरात्र में काली बनकर महिला कमांडोज ने किया नक्सलियों का संहार, जानिए इनकी वीरता की कहानी

By : madhukar dubey, Last Updated : October 6, 2024 | 6:37 pm

जगदलपुर। एक ओर जहां पूरे देश में शारदीय नवरात्र धूमधाम से मनाया जा रहा है। वहीं छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिले में फोर्स की महिला कमांडोज(women commandos) छत्तीसगढ़ को नक्सलियों से मुक्त कराने के लिए दिन-रात लड़ रही हैं। नवरात्रि में ‘मां काली’का रूप(Form of ‘Maa Kali’ in Navratri) लेकर नक्सलियों का संहार कर रही हैं। ये महिला कमांडोज पुरुष जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चार अक्टूबर को नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिले के नेंदुर और थुलथुली गांव में हुई नक्सली मुठभेड़ में नक्सलियों को मौत की नींद सुला दी हैं।

घटना के संबंध में दंतेवाड़ा डीआईजी कमलोचन कश्यप ने बताया कि चार दिन पहले ही पुलिस अधिकारियों को सूचना मिली कि नक्सलियों के टॉप लीडर एक बैठक लेने के लिए दंतेवाड़ा और नारायणपुर की सीमा में बसे सबसे सुरक्षित गांव थुलथुली में एक बैठक लेने वाले हैं। जवानों के साथ ही महिला कमांडो टीम को भी नक्सलियों का मुकाबला करने के लिए भेजा गया, जहां तीन दिन का सफर तय करने के बाद पुलिस और नक्सलियों के टॉप लीडर के बीच दोपहर एक बजे से लेकर शाम छह बजे तक फायरिंग हुई। इन पुलिस जवानों के साथ ही महिला कमांडो ने भी आगे बढ़कर हिस्सा लेते हुए नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। जवानों के साथ मिलकर 31 नक्सलियों को मार गिराया।

25 नक्सली हुए घायल

घटना के बाद जब जवानों ने इलाके की सर्चिंग की तो उन्हें काफी मात्रा में खून के धब्बे देखने को मिले, जिससे कि यह अनुमान लगाया जा रहा है कि करीब 20 से 25 नक्सली घायल हुए हैं। जबकि कई पुलिस को भारी पड़ता देख भाग निकले।

एकत्र हुए थे 100 से 150 थे नक्सली
नक्सलियों के प्लाटून नंबर 6, प्लाटून नंबर 16 के अलावा ईस्ट बस्तर डिवीजन, इंद्रावती एरिया कमेटी को मिलाकर करीब 100 से 150 नक्सली इस बैठक में शामिल हुए थे। एक ओर जहां 31 नक्सली मारे गए, तो वहीं करीब 25 से 30 घायल हुए हैं। ऐसी बातें निकलकर सामने आ रही हैं। कई नक्सली अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले।

कमलेश और नीति के मारे जाने की खबर

इस मुठभेड़ की सबसे खास बात ये है कि इस हमले में नक्सलियों के टॉप लीडर में स्पेशल जोनल कमेटी सदस्य नीति उर्फ उर्मिला भी मारी गई है। उस पर 25 लाख रुपये का इनाम था। साथ में दंडकारण्य कमेटी सदस्य और पांच राज्यों में मोस्टवांटेड के नाम से मशहूर कमलेश भी पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की चर्चा सामने आ रही है। अब सेफ जोन में नक्सली नहीं हैं सुरक्षित

इस मुठभेड़ की खास बात यह है कि नक्सलियों के साथ पुलिस की जहां मुठभेड़ हुई। वह नक्सलियों का सबसे सुरक्षित स्थान माना जाता था, लेकिन फोर्स ने नक्सलियों के सेफ जोन में भी घुसकर नक्सलियों को मार गिराया है।