रायपुर। छत्तीसगढ़ में खाद्य प्रसंस्करण (food processing industries) उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए उद्यमियों को विशेष पैकेज दिया जा रहा है। जिसके फलस्वरूप राज्य में पिछले साढ़े चार सालों में 737 नई इकाईयां स्थापित (737 new units established) हुई है। इन इकाईयों में 1397 करोड़ 24 लाख रूपए का पूंजी निवेश हुआ है और 6 हजार 896 लोगों को रोजगार मिला है।
मिशन के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों का तकनीकी उन्नयन, स्थापना व आधुनिकीकरण कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है, जिसमें संयंत्र एवं मशीनरी तथा तकनीकी सिविल कार्यों की लागत का 25 प्रतिशत (अधिकतक 50 लाख रूपए) तक अनुदान, उद्यानिकी एवं गैर उद्यानिकी क्षेत्रों में नवीन कोल्डचेन हेतु, मूल्य संवर्धन एवं संरक्षण अधोसंरचना का विकास कार्यक्रम के अंतर्गत परियोजना की लागत का 35 प्रतिशत (अधिकतम 5 करोड़ रूपए) तथा बैंक या वित्तीय संस्थाओं द्वारा 5 वर्षों की अवधि के लिए 2 करोड़ रूपए की राशि तक का अनुदान वार्षिक दर पर दिया जा रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र व संग्रहण केंद्र की स्थापना कार्यक्रम के तहत परियोजना लागत का 50 प्रतिशत (2.50 करोड़ रूपए अधिकतम) तक अनुदान दिया जा रहा है। वहीं, रीफर वाहन योजना के अंतर्गत कूलिंग की लागत का 50 प्रतिशत (अधिकतम 50 लाख रूपए) तक का अनुदान अद्यमियों को प्रदाय किया जा रहा है।
खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना के लिए अनुदान शर्तों में आवेदक की पृष्ठभूमि मजबूत होनी चाहिए यानी आवेदक का नेटवर्थ आवेदन किये गए अनुदान का 1.5 गुणा से अधिक होना चाहिए। परियोजना प्रस्तावों का बैंक व वित्तीय संस्थान द्वारा विधिवत मूल्यांकन किया जाना चाहिए। सावधि ऋण का लाभ उठाया जाना चाहिए, सावधि ऋण परियोजना लागत के 25 प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए।
बैंक व वित्तीय संस्थान की परियोजना मूल्यांकन रिपोर्ट में सभी परियोजना घटक शामिल किये जाने चाहिए, जिनके लिए अनुदान मांगा गया है। वाणिज्यिक उत्पादन की तिथि आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की तिथि से पहले नहीं होनी चाहिए। योजना के लिए निर्धारित घटकों में से किन्ही 2 परियोजना घटकों की स्थापना करनी होगी।
उल्लेखनीय है कि कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण नीति के तहत प्रदेश में एक नई योजना ‘छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य प्रसंस्करण मिशन’ लागू है। खाद्य प्रसंस्करण मिशन का उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को स्थापित करना, राज्य में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में अधिक से अधिक निवेश लाना, उत्पादों को उन्नत करने उनकी क्षमता को बढ़ाने, कृषि उत्पादों का संग्रहण तथा प्रसंस्करण से कृषकों को आर्थिक लाभ देना, खाद्य सुरक्षा तथा स्वच्छता के मानकों में सुधार करना और संगठित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए बेहतर सहायक प्रणाली की व्यवस्था करना है।
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