जेनेरिक दवा की जगह ब्रांडेड दवा की खरीदी में खेल

By : hashtagu, Last Updated : October 16, 2024 | 5:34 pm

  • आदेश और नियमों की अनदेखी कर रहे अस्पतालों के डॉक्टर
  • कई गुना अधिक कीमत पर दवा खरीदने को लोग मजबूर
  • रायपुर। सरकारी अस्पतालों में मरीजों को जेनेरिक दवा(Generic medicine) उपलब्ध कराने के केन्द्र और राज्य सरकार के आदेशों की सीजीएमएससी और ईएसआईसी खुलेआम माखौल उड़ा रही हैं।
    आदेशों को दरकिनार कर सलेक्टेट कंपनियों से ब्रांडेड दवा(Branded medicine) की लगातार खरीदी कर व्यापक अनियमितता इन संस्थाओं द्वारा की जा रही हैं। केंद्र सरकार ने अस्पतालों में डाक्टरों को जेनेरिक दवा लिखने के निर्देश देने के साथ ही दवाओं के नाम अंग्रेजी के कैपिटल वर्ड में लिखने तथा दवा पर्ची में नजदीकी जेनेरिक दवा केन्द्र का पता दर्शाने का साफ निर्देश दिया है। ईएसआईसी हर वर्ष लगभग 40 करोड़ की दवा खरीदती है, जो ब्रांडेड होती हैं। वहीं जेनेरिक दवाएं ब्रांडेड दवाओं से लगभग 70 फीसदी से कम कीमतों पर मिलती हैं। जिसे खरीदने से दवा खरीदी का यह खर्च आधी हो जाएगी, वहीं मरीजों को भी सस्ती दवा मिल सकेगी इसके बावजूद कमीशन और भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार एजेंसियां सरकार के आदेश की भी अवहेलना कर रहे हैं।

    प्रत्येक वर्ष लगभग 40 करोड़ की खरीदी की जाती है दवाई

    खरीदी में व्यापक अनिमितता की शिकायतें सामने आई हैं। कांग्रेस शासनकाल में अनियमितताओं को लेकर छत्तीसगढ़ लोक आयोग और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में प्रकरण दर्ज किया गया है। इसके बावजूद जिस प्रक्रिया को लेकर शिकायत की गई है। उन्हीं प्रक्रिया के तहत दवाओं की खरीदी आज भी की जा रही है। छत्तीसगढ़ राज्य कर्मचारी बीमा सेवाएं ईएसआईसी में प्रत्येक वर्ष लगभग 40 करोड़ की दवाइयों की खरीदी की जाती है।

    दवाई खरीदी में अनियमितता की शिकायत पर छग लोक आयोग में प्रकरण क्रमांक 12/2018 दर्ज किया गया है। इसके साथ ही आर्थिक अपराध अन्वेषण व्यूरों रायपुर में भी शिकायत क्रमांक आर273/2017 दर्ज किया गया था। दोनों ही प्रकरण में जांच लंबित है। इसके बावजूद पुरानी पद्धति से ही दवा खरीदी की तैयारी की जा रही है। इसके लिए आगामी कुछ दिनों में आर्डर जारी होने की खबर है। दवाओं के पेमेंट में अनियमितता बरती जा रही है। पिछली खरीदी में दवा क्रय करने का आदेश कंपनियों को दिया गया और भुगतान डिलर को किया गया जो निविदा नियमों के विरुद्ध है।

    क्रय करने के लिए ये नियम लागू

    दरअसल ईएसआईसी दिल्ली द्वारा रेट कान्ट्रै्क्ट की सूची अनुमोदित की जाती है जिसके आधार पर राज्य की संस्थाओं को दवा क्रय करने होते हैं। अनुमोदित सूची में क्रय नियम व शर्तों के अनुसार दवाइयों का क्रयादेश सीधे अनुमोदित कंपनियों को ही दी जाएगी। दवाइयों की आपूर्ति सीधी कंपनियों के द्वारा किए जाने पर भुगतान भी कंपनियों को ही किया जाएगा परन्तु पूर्वोक्त नियमों एवं भंडार क्रय नियमों का उल्लंघन करते हुए अनुमोदित दवाई निर्माता कंपनियों से दवाइयों की खरीदी न कर अधिकांश क्रयादेश अनाधिकृत फर्मों एवं कंपनियों को जारी किए गए इसके तहत दवाओं की आपूर्ति एवं भुगतान कर करोड़ों का भ्रष्टाचार किया गया।
    केन्द्र सरकार का साफ निर्देश है कि दवाओं की खरीदी जेम के माध्यम से और सरकारी उद्यमों से की जाए साथ ही ब्रांडेड दवाओं की जगह जेनेरिक दवाएं खरीदें और डाक्टर भी जेनेरिक दवा ही लिखें। इसके बाद भी राज्य कर्मचारी बीमा सेवाएं द्वारा रेट कांट्रैक्ट के माध्यम से अधिक दर पर पसंदीदा कंपनियों से ब्रांडेड दवाइयां खरीदी सरकार ने समय-समय पर जारी किए सर्कुलर
    केन्द्र व राज्य सरकारों ने समय-समय पर आदेश जारी कर सरकारी अस्पतालों में जेनेरिक दवा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। इतना ही नहीं केन्द्र सरकार ने देश भर के सभी ईएसआइ अस्पतालों में पीएम जन औषधि केंद्र खोलने के भी निर्देश दिए हैं। इससे अस्पतालों में दवा की उपलब्धता आसान होगी। ईएसआई कॉरपोरेशन, दिल्ली मु यालय के चिकित्सा आयुक्त की ओर से सभी मेडिकल कॉलेज के डीन तथा अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षक के नाम पत्र जारी किया गया है। अब तक ईएसआई अस्पतालों में स्थानीय स्तर पर दवा विक्रेता से आरसी (रेट कांट्रेक्ट) पर दवा की खरीदारी की जा रही है। ईएसआइ कारपोरेशन के देश भर में 10 ईएसआइ मेडिकल कॉलेज व अस्पताल तथा 55 अस्पताल चल रहे हैं। दवा की उपलब्धता के मामले में देरी होने पर कई बार मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, मगर अब जन औषधि केंद्र खुलने से राहत मिलने की उ मीद बनी है।