होली में उड़ेंगे ‘सब्जी-फूलों’ से बने गुलाल, छत्तीसगढ़ की ‘महिलाओं’ का कमाल

By : madhukar dubey, Last Updated : March 3, 2023 | 10:39 am

छत्तीसगढ़। होली में इस बार सब्जी और फूलों से बने गुलाल उड़ेंगे। हर्बल रंग (Herbal color) और गुलाल बनाने में छत्तीसगढ़ की महिलाओं ने कमाल ही कर दिया है। अब इनके गुलाल की डिमांड पूरे देश में हो रही है। इसके लिए उनके पास भारी मात्रा में उत्पादन करने के आर्डर भी आ चुके हैं।

यह कारनामा रायपुर जिले के उदयपुर विकासखंड के ग्राम परसा की महिला उद्यमी बहुउद्देशीय सहकारी समिति कर रही है। एक सामाजिक संस्था मब्स (institution mobs) की महिलाएं पौष्टिक सब्जियों से गुलाल बनाने का काम कर रही हैं।

पालक भाजी और पलाश के फूलों से बनाए जा रहे जैविक रंग त्वचा के लिए भी लाभदायक सिद्ध होंगे। समूह का दावा है कि, इस हर्बल गुलाल से किसी तरह का कोई संक्रमण नहीं होगा।

महिलाओं का कहना है, केमिकल युक्त रंगों से आंखों की एलर्जी, अंधापन, त्वचा में जलन, त्वचा के कैंसर और यहां तक कि गुर्दे फेल होने का कारण बन सकते हैं। वहीं युवाओं में केमिकल युक्त मेटल कलर पेस्ट बहुत लोकप्रिय होता है, जिसके हानिकारक प्रभावों को देखते इसके प्रयोग में कमी लाने का प्रयास किया जा रहा है।

लाल रंग चुकंदर और हरा रंग पालक भाजी से बन रहे गुलाल

होली की सतरंगी दुनिया में चुकंदर से लाल रंग तो पालक से हरा। हल्दी से पीले रंग। पलाश के फूलों से गुलाबी रंग सहित अन्य सब्जियों से रंग और गुलाल बनाए जा रहे हैं। साथ-साथ इन्हें सुगंधित करने के लिए प्राकृतिक तरीकों जैसे सुगन्धित फूलों और गुलाब जल इत्यादि का प्रयोग किया है।

इस तरह इन्हें वांछित रंग के गुलाल के आधार के साथ मिलाकर दो से तीन दिनों के लिए धूप में सुखाकर बारीक मिश्रित किया जाता है। इस तरह कई प्रक्रियाओं से तैयार गुलाल अब बाजार में बिकने के लिए तैयार हो चुका है।

Gulal

सब्जी और फूलों से हर्बल रंग और गुलाल बनातीं महिलाएं।

ऑनलाइन वीडियो का भी लिया सहारा

अपने उत्पादों की शुद्धता के लिए प्रख्यात इस महिला समिति की महिलाओं ने जहां चाह वहां राह की कहावत को फलीभूत किया है। समिति की इन महिलाओं ने किसी बाहरी प्रशिक्षण के बिना ही ऑनलाइन वीडियो देखकर जैविक गुलाल को बनाने की प्रक्रिया सीखी है। बड़े ही विश्वास के साथ प्राकृतिक रूप से उपलब्ध सब्जियों और फूलों के माध्यम से प्राकृतिक रंगों को निर्मित किया है।

मुनाफे मिला रहा आर्थिक लाभ

मब्स की अध्यक्ष अमिता सिंह ने बताया कि इसके निर्माण के लिए आवश्यक कच्चा सामग्री की उपलब्धता गांव में ही है,और थोड़े प्रयास से ही उत्पाद तैयार हो जाता है। इस काम से महिलाएं बहुत उत्साहित हैं। वहीं इसमें ज्यादा निवेश की आवश्यकता नहीं है जबकि मुनाफा काफी अच्छा है। यह पूरी तरह ऑर्गेनिक है और त्वचा के लिए भी सुरक्षित इसलिए उन्हें कंपनी और गांव से ही कई ऑर्डर मिल चुके हैं।