पावर प्लांटों की मनमानी पर हाईकोर्ट की फटकार, जानिए ये है मामला

कई पॉवर प्लांटों में नियमों को खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। जिसे लेकर पावर प्लांट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को एक दशक से ज्यादा समय तक

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  • Publish Date - January 10, 2025 / 08:14 PM IST

बिलासपुर। कई पॉवर प्लांटों में नियमों को खुलेआम उल्लंघन (Open violation of rules in power plants)किया जा रहा है। जिसे लेकर पावर प्लांट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को एक दशक से ज्यादा समय तक अनदेखा किया. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने आज इस मामले में लगाई गई जनहित याचिका पर सुनवाई की। जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने हैं।

बता दें कि हाईकोर्ट ने कमिश्नर की नियुक्ति की थी. जिसमें प्रतीक शर्मा, अदिति सिंघवी और अन्य ने अपनी रिपोर्ट पेश की. जिसमें पावर प्लांट में काम करने वाले कुछ मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच प्राइवेट डायग्नोसिस सेंटर में कराई(Health checkup of workers was done in private diagnosis center.) गई. जिनकी रिपोर्ट पर भी सवाल खड़े किए गए थे। कोर्ट ने इस पर भी नाराजगी जताई और कहा कि लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है? हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत की मौजूदगी नहीं होने पर शासन का पक्ष रखने सोमवार का समय दिया है. वहीं अगली सुनवाई 13 जनवरी 2025 को निर्धारित की गई है।
पिछली सुनवाई में अपर महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने कहा था कि न्यायालय के 15 अक्टूबर 2024 के आदेश के अनुपालन में पहले ही निरीक्षण किया जा चुका है और रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है। इसके अलावा बिजली संयंत्रों की ओर से कुछ खामियां पाई गई हैं। जिसके लिए मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं उन्होंने उक्त रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा था.

कोर्ट में आज शुक्रवार को सुनवाई के दौरान पेश की गई रिपोर्ट में 68 पावर प्लांट में फैक्ट्री एक्ट का उल्लंघन किया जाना पाया गया. बताया गया कि इन पर 2024 में केस दर्ज किया गया. सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि 31 जनवरी 2014 के आदेश के बावजूद 11 साल में कोई सुधार नहीं किया गया और अब केस दर्ज किया गया है।

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