छत्तीसगढ़। विधानसभा (Chhattisgarh Assembly) में दूसरे दिन के मानसून सत्र की शुरूआत हंगामेदार हुई। यहां बीजेपी के विधायक सदन में हो हल्ला और हंगामा मचाने लगे। उनके इस हंगामे के पीछे की वजह थी, वे मंत्री उमेश के सवाल से असंतुष्ट थे। इसके बाद विपक्ष के विधायकों ने सदन से वॉकआउट (Walk out of The House) कर दिया।
विपक्ष ने पूछा कि 22 हजार लोगों को रोजगार देने का विज्ञापन दिया, तो 33 हजार लोगों की भर्ती कैसे हो गई। विभागीय मंत्री ने माना कि 22 हजार विज्ञापन में 33 हजार लोगों को रोजगार मिला है। इसके लिए अलग-अलग विभागों में व्यवस्था की गई।
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि बेरोजगारों को भत्ता देने के नियम रोज बदले जा रहे हैं। सरकार 10 लाख लोगों को रोजगार देने के होर्डिंग लगा रही है, लेकिन कितने बेरोजगार पंजीकृत है, इसकी जानकारी नहीं दी जा रही है। विभागीय मंत्री उमेश पटेल के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने खड़े होकर नारेबाजी शुरू कर दी।
अजय चंद्राकर ने कहा कि बेरोज़गारी पंजीयन के लिए उम्र की बाध्यता नहीं है। ये हास्यास्पद है, चर्चा के दौरान मंत्री उमेश पटेल ने तंज कसते हुए कहा कि वैसे अजय चंद्राकर अभी जाकर पंजीयन कराएंगे तो उनका भी हो जाएगा, लेकिन वर्तमान में विधायक हैं, अभी न जाएं, नहीं तो मैसेज अच्छा नहीं जाएगा।
मंत्री उमेश पटेल ने बताया कि 20 जून 2023 की स्थिति में 1,72,553 ने बेरोजगारी भत्ता हेतु पंजीयन कराया है. 20 जून 2023 की स्थिति में 1,14,764 पात्र एवं 33559 अपात्र हुए हैं। अजय चंद्राकर ने कहा कि बिना किसी को नौकरी दिए 33 हजार 659 अपात्र हो गए। शिवरतन शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ के बेरोजगारों को गुमराह किया जा रहा है. भाजपा के सदस्य इस मामले में मंत्री के जवाब से असंतुष्ट नजर आए।
भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने पूछा कि विशेष आबकारी शुल्क में कितने का कलेक्शन हुआ? गौठान, शिक्षा – स्वास्थ्य के लिए कलेक्शन की राशि का कितना रुपया विभागों को भेजा गया है? मंत्री कवासी लखमा ने बताया कि 1059 करोड़ गौठान में गया है। शिक्षा विभाग में 558 करोड़ दिया है। विपक्ष ने आरोप लगाया कि विभागों को पैसे नहीं दिए गए और उसका दुरुपयोग किया गया है।
शिवरतन ने सवाल किया कि शराबबंदी के लिए 3 समितियों के गठन का कार्यकाल कितने समय के लिए निर्धारित किया था, कितना समय बढ़ाया गया और कब-कब रिपोर्ट सौंपी गई? वहीं धरमलाल कौशिक ने कहा कि आपने जब गंगा जल लेकर शराबबंदी करने की कसम खाई थी, तब भाजपा से पूछा था क्या। इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने हंगामा करते हुए शराब बंदी का नारा लगाया।
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