INSIDE STORY :जहां नक्सली राशन लेने के लिए पहुंचे थे, तभी जवानों ने घेरकर कर दिया ढेर
By : hashtagu, Last Updated : March 29, 2025 | 8:30 pm

सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले(Sukma district) में सुरक्षाबलों और नक्सलियों (Security forces and Naxalites)के बीच जारी मुठभेड़ में एक बड़ी सफलता हासिल हुई है। सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के प्रमुख लीडर जगदीश उर्फ बुधरा को मार गिराया, इसके बाद मारे गए नक्सलियों की संख्या 17 तक पहुंच गई है।
जगदीश उफऱ् बुधरा दरभा डिवीजऩ का इंचार्ज था और उसके ऊपर 25 लाख रुपये का इनाम था। वह सुकमा जिले के ग्राम पिट्टेडब्बा, थाना कूकानार, और ग्राम पाउरगुडेम, थाना पामेड़ का निवासी था। लगभग 40 साल की उम्र में बुधरा नक्सली संगठन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था। वह झीरम हत्याकांड में भी शामिल था, जो एक बड़ा राजनीतिक हिंसा का मामला था। इसके अलावा, वह 2023 में सुकमा जिले के अरणपुर में हुई उस घटना का भी हिस्सा था, जिसमें डीआरजी (डिस्ट्रीक्ट रिजर्व गार्ड) के जवान शहीद हो गए थे। यह मुठभेड़ सुरक्षाबलों के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि बुधरा जैसे बड़े नक्सली नेता का मारा जाना सुरक्षाबलों की नक्सलवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक अहम कदम है।
बता दें कि डीआरजी और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने 28 मार्च को नक्सलियों की उपस्थिति के बारे में जानकारी मिलने के बाद ऑपरेशन शुरू किया था। यह कार्रवाई उप्पमपल्ली ग्राम के पास हुई, जहां नक्सली राशन लेने के लिए पहुंचे थे। सुरक्षाबलों ने इसके एक दिन पहले से इलाके में तलाशी और फायरिंग शुरू कर दी थी, इसके बाद यह बड़ी मुठभेड़ हुई।
सुकमा के अधिकारियों का कहना है कि ऑपरेशन को तेज किया जा रहा है और नक्सलियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस और सुरक्षा बल अब मुठभेड़ स्थल के आसपास के क्षेत्रों में सर्च ऑपरेशन कर रहे हैं, ताकि अन्य नक्सलियों को पकड़ा जा सके। मुठभेड़ के बाद इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा किया गया है और आसपास के क्षेत्रों में सावधानी बढ़ा दी गई है। इंसास, एसएलआर जैसे ऑटोमैटिक हथियार भी बरामद किए हैं। मारे गए नक्सलियों की संख्या बढऩे की संभावना है।
14 महीनों में 333 नक्सली ढेर, ऑपरेशन तेज
छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद से सुरक्षाबलों ने नक्सल विरोधी अभियान को और तेज कर दिया है। पिछले 14 महीनों में 63 मुठभेड़ों में 333 नक्सली मारे जा चुके हैं। इस दौरान भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री भी बरामद की गई है। इसके अलावा सुरक्षा एजेंसियों को कई अहम दस्तावेज भी मिले हैं, जो नक्सली संगठनों के खिलाफ रणनीति बनाने में मददगार साबित हो रहे हैं। नक्सलवाद का खात्मा बस्तर के विकास की ओर एक बड़ा कदमगौरतलब है कि नक्सलवाद के समाप्त होने के बाद बस्तर की जनता को शांति और सुरक्षा का अनुभव होगा। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और बस्तर का विकास तेजी से होगा। छत्तीसगढ़ सरकार और सुरक्षा बलों का यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक राज्य पूरी तरह नक्सल मुक्त नहीं हो जाता।
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