Inside Story : आखिर क्यों ‘जेलर और जेल प्रहरी’ की गई नौकरी! जेल में ‘अवैध वसूली’ का गोरखधंधा

By : hashtagu, Last Updated : March 2, 2024 | 5:39 pm

रायपुर। उपजेल सारंगढ़ (Upjail Sarangarh) में अवैध वसूली का गोरखधंधा फलफूल रहा था। जहां जेल प्रहरी नशे के सामान और अवैध वसूली कैदियों से करते हैं। लेकिन बीजेपी की सरकार आने के बाद इस पर बड़ा एक्शन लेने के साथ ही जेलों को इस तरह के कृत्य नहीं करने के लिए कड़ी हिदायत दी गई है। साथ सेंट्रल जेल रायपुर में मनी लांड्रिंग में बंद सफेदपोश और निष्कासित अधिकारियों को वीआईपी ट्रीटमेंट मिल रही थी। लेकिन अब चर्चा है कि शायद उनके वीआईपी सुविधाओं को बंद कर दिया गया है। हाल ही में जांच में गुटखा और तंबाकू सहित चिप बरामद किए गए थे। लेकिन सारंगढ़ उपजेल की कहानी कुछ और ही थी। इसकी जांच हुई और कार्रवाई भी।

  • गौरतलब है कि उपजेल सारंगढ़ में मारपीट मामले में सहायक जेल अधीक्षक संदीप कश्यप को राज्य सरकार ने सस्पेंड (Jail Superintendent Sandeep Kashyap suspended)  कर दिया है। दो दिन पहले जेल में बंद बंदियों के साथ मारपीट की शिकायत हुई थी। उप जेल सारंगढ़ में बंदियों के साथ मार-पीट की घटना सामने आने पर मुख्यालय, जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं रायपुर की तरफ से सेंट्रल जेल बिलासपुर के अधीक्षक खोमेश मण्डावी को घटना की जांच करने का निर्देश दिया था। मण्डावी ने 28 फरवरी को उप जेल सारंगढ़ पहुंचकर घटना की जांच की थी।
  • जांच प्रतिवेदन के आधार राज्य सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। जांच में आए तथ्यों के आधार पर संदीप कश्यप, सहायक जेल अधीक्षक, उप जेल सारंगढ़ को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। संदीप कश्यप को केन्द्रीय जेल बिलासपुर अटैच किया गया है। साथ ही अधीक्षक, केन्द्रीय जेल बिलासपुर द्वारा जांच उपरांत उप जेल सारंगढ़ के 2 प्रहरियों को भी निलंबित किया गया है। अन्य संबंधित कर्मचारियों के विरूद्ध भी नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है। निलंबित सहायक जेल अधीक्षक एवं प्रहरियों के विरूद्ध नियमानुसार विभागीय जांच की जा रही है।

आपको बता दें कि शिकायत के मुताबिक बंदियों से रुपए की मांग की गई थी, लेकिन रुपए नहीं मिलने से नाराज जेलर ने मारपीट की। घायल बंदियाें का उपचार सारंगढ़ स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है। घटना की सूचना पर कलेक्टर ने जांच के आदेश दे दिये थे। हालांकि इस मामले में राज्य सरकार ने भी तुरंत एक्शन लेते हुए जांच के निर्देश दिये थे। जानकारी के अनुसार बरमकेला ब्लाक के ग्राम बोंदा निवासी दिनेश चौहान विगत 9 माह से सारंगढ़ उपजेल में निरूद्ध बंदी है। उसका आरोप है कि जेलर ने उसके घर से रुपए मंगावाने की बात कही, मना करने पर जेलर ने करीब चार घंटे तक उसकी पिटाई की।

  • इससे वह घायल हो गया। उसने बताया कि जेलर उससे 50 हजार रुपए की मांग किया और परिजनों को फोन करके रुपए एकाऊंट में ट्रांसफर कराने के लिए दबाव बना रहा था। उसके पास रुपए नहीं होने के कारण मना कर दिया। इससे जेलर व सुरक्षा प्रहरियों ने उसके साथ मारपीट की। बंदी दिनेश का आरोप है कि पखवाड़े भर पहले ही उसने जेलर के एकाऊंट में 40 हजार रुपए ट्रांसफर करवाया था और अब फिर से उससे 50 हजार रुपए की मांग की जा रही थी।

बंदी दिनेश चौहान को सरकारी हस्पताल में भर्ती कराया गया है। दिनेश की हालत को देखते हुए उसके परिजनों ने सोमवार को कलेक्टर से शिकायत की थी। कलेक्टर ने अनुविभागीय अधिकारी वासु जैन को मामले की जांच कर करने आदेश दिया। सोमवार की देर रात एसडीएम वासु जैन ने अस्पताल पहुंच कर घायल बंदी दिनेश चौहान का बयान दर्ज किया है।

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