रायपुर। उपजेल सारंगढ़ (Upjail Sarangarh) में अवैध वसूली का गोरखधंधा फलफूल रहा था। जहां जेल प्रहरी नशे के सामान और अवैध वसूली कैदियों से करते हैं। लेकिन बीजेपी की सरकार आने के बाद इस पर बड़ा एक्शन लेने के साथ ही जेलों को इस तरह के कृत्य नहीं करने के लिए कड़ी हिदायत दी गई है। साथ सेंट्रल जेल रायपुर में मनी लांड्रिंग में बंद सफेदपोश और निष्कासित अधिकारियों को वीआईपी ट्रीटमेंट मिल रही थी। लेकिन अब चर्चा है कि शायद उनके वीआईपी सुविधाओं को बंद कर दिया गया है। हाल ही में जांच में गुटखा और तंबाकू सहित चिप बरामद किए गए थे। लेकिन सारंगढ़ उपजेल की कहानी कुछ और ही थी। इसकी जांच हुई और कार्रवाई भी।
आपको बता दें कि शिकायत के मुताबिक बंदियों से रुपए की मांग की गई थी, लेकिन रुपए नहीं मिलने से नाराज जेलर ने मारपीट की। घायल बंदियाें का उपचार सारंगढ़ स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है। घटना की सूचना पर कलेक्टर ने जांच के आदेश दे दिये थे। हालांकि इस मामले में राज्य सरकार ने भी तुरंत एक्शन लेते हुए जांच के निर्देश दिये थे। जानकारी के अनुसार बरमकेला ब्लाक के ग्राम बोंदा निवासी दिनेश चौहान विगत 9 माह से सारंगढ़ उपजेल में निरूद्ध बंदी है। उसका आरोप है कि जेलर ने उसके घर से रुपए मंगावाने की बात कही, मना करने पर जेलर ने करीब चार घंटे तक उसकी पिटाई की।
बंदी दिनेश चौहान को सरकारी हस्पताल में भर्ती कराया गया है। दिनेश की हालत को देखते हुए उसके परिजनों ने सोमवार को कलेक्टर से शिकायत की थी। कलेक्टर ने अनुविभागीय अधिकारी वासु जैन को मामले की जांच कर करने आदेश दिया। सोमवार की देर रात एसडीएम वासु जैन ने अस्पताल पहुंच कर घायल बंदी दिनेश चौहान का बयान दर्ज किया है।
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