छत्तीसगढ़ में नौकरी दिलाने के नाम पर अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी का खुलासा

By : hashtagu, Last Updated : October 9, 2024 | 7:25 pm

  • दंपती समेत तीन आरोपियों को पुलिस ने मुंबई से किया गिरफ्तार
  • पुलिस दो अन्य आरोपियों की पतासाजी में जुटी है, मुख्य सरगाना की तलाश
  • दुर्ग। विदेश में नौकरी के चक्कर में पढ़े-लिखे और बेरोजगार लोग ठगी के शिकार हो जाते है। छत्तीसगढ़ में यह मामला लगातार बढ़ रहा है। दुर्ग में पुलिस ने अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्करी(international human trafficking) मामले का खुलासा किया है। पुलिस ने एक दंपति समेत तीन आरोपियों को मुंबई से गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपी विदेश में कंप्यूटर ऑपरेटर की(computer operator abroad) नौकरी दिलाने के नाम पर साइबर स्कैम का काम करवाया करते थे। साथ ही उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए जाते थे। इस मामले में पुलिस दो अन्य आरोपियों की पतासाजी की जा रही है। 
    प्रदेश में जिसके तहत आरोपी नौकरी लगाने के नाम पर लोगों को गल्फ कंट्री भेजा करते थे भिलाई का भी एक व्यक्ति भारत आने के बाद उसने अपनी शिकायत साइबर पुलिस से की इसके बाद पुलिस ने मामले की तहकीकात शुरू की। जिसमें मुंबई के गोरेगांव में गोल्डन लिंक सर्विस के नाम से दो एजेंट भारत से लोगों को गल्फ कंट्री भेजा करते थे पकड़े जाने के बाद गिरोह के अन्य लोगों की पतासाजी में जुट गई है।

    विदेश में दूसरे प्रदेशों के 10 से अधिक लोगों फंसे है, दे रहे प्रताडऩा

    विदेश में दूसरे प्रदेशों के 10 से अधिक लोगों वहां फंसे है जो भारत आना चाहते है उनके लिए। दुर्ग पुलिस ने भारत सरकार से भी पत्राचार करेगी। मुंबई में गोल्डन ट्रायंगल सर्विस एजेंसी खोलकर सीधे-साधे लोगों को गल्फ कंट्री में नौकरी दिलाने के नाम पर पहले उनसे लाख रुपए लेकर विदेश भेज जाता है। इसके बाद एजेंट का कमीशन भी लिया जाता था, इस मामले में कंप्यूटर ऑपरेटर की जगह उनसे साइबर स्कैम का काम कराया जाता था। भिलाई के भी एक युवक इनके झांसे में आ गया। उसे कंबोडिया के लाओस भेजा गया। लेकिन वहां उसके पासपोर्ट को जब्त कर उसे मानसिक प्रताडऩा दिए जाने लगा।

    प्लेसमेंट कंपनी में काम कराने नहीं करते कोई एग्रीमेंट

    इस बीच उससे किसी भी तरीके का एग्रीमेंट नहीं किया गया था। जिससे परेशान होकर शिकायतकर्ता युवक द्वारा भी प्लेसमेंट एजेंसी पर लगातार दबाव बनाने लगा। जिसके कारण एजेंसी ने उसे भारत भेज दिया। भारत वापस आने के बाद अपनी आप बीती और शिकायत को उसने दुर्ग पुलिस के उच्च अधिकारियों को बताया। जिसके बाद पुलिस की सायबर एक्सपर्ट टीम ने इस मामले में अपराध दर्ज कर तफ्तीश आगे बढ़ाया। और मुंबई के गोरेगांव स्थित गोल्डन लिंक सर्विस के नाम से संचालित एजेंसी के माध्यम से साजन,उनकी पत्नी और रफी खान मिलकर लोगों को कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी दिलाने के नाम पर 2,00,000 की वसूली किया करते थे लेकिन विदेश में जाने के बाद यह लोग उनके ग्रुप से जुड़े लोग उनसे साइबर स्कैम करवाया करते थे भिलाई का शिकायतकर्ता भी उनके जब चुंगल से छूटकर भारत आया जिसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों की गिरफ्तार में जुट गई थी।

    आईपीएस चिराग जैन ने बताया, साइबर स्कैम का काम कराया

    आईपीएस चिराग जैन ने बताया कि शिकायतकर्ता ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तारी में जुट गई थी पुलिस ने तीनों आरोपियों को मुंबई से गिरफ्तार किया है तीनों आरोपी विदेश में नौकरी लगाने के नाम पर एजेंट के रूप में काम करते थे और कमीशन लेते थे। आरोपियों ने शिकायतकर्ता को ओमान लाओसा में कंप्यूटर ऑपरेटर का काम बताकर उसके वहां साइबर स्कैम का काम कराया जा रहा था। पुलिस विदेश में फंसे अन्य लोगों को भारत लाने का प्रयास कर रही है वही 2 अन्य फरार लोगों की पतासाजी में जुट गई है।