झारखंड शराब घोटाले की जांच अब सीबीआई के हवाले: छत्तीसगढ़ सरकार ने जारी की अधिसूचना
By : ira saxena, Last Updated : May 6, 2025 | 11:44 pm

रायपुर: झारखंड शराब घोटाले की जाँच अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) करेगी। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) द्वारा दर्ज प्रकरण को CBI को सौंपने का निर्णय लिया है, जिसके संबंध में एक आधिकारिक अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
यह झारखंड में हुआ शराब घोटाला लगभग 450 करोड़ रुपये का है, जिसकी प्राथमिकी EOW द्वारा 7 सितंबर 2024 को दर्ज की गई थी। छत्तीसगढ़ के आबकारी विभाग में हुए बड़े घोटाले के समान ही इस घोटाले का खुलासा हुआ है। एफआईआर में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सचिव रहे आईएएस विनय कुमार चौबे और पूर्व संयुक्त आबकारी आयुक्त गजेंद्र सिंह के नाम प्रमुख रूप से दर्ज हैं।
ईओडब्ल्यू रायपुर ने दोनों अधिकारियों के विरुद्ध धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं के तहत नया प्रकरण भी दर्ज किया है। इस घोटाले से संबंधित छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट से जुड़े कई लोगों के नाम भी सामने आए हैं।
अधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार, तत्कालीन आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और उनके गिरोह ने झारखंड के अधिकारियों के साथ मिलकर राज्य की आबकारी नीति में बदलाव की साजिश रची थी। इसके तहत देशी और विदेशी शराब के ठेके उसी सिंडिकेट के सदस्यों को दिए गए।
देशी शराब की बिक्री के लिए बिना वैधानिक प्रक्रिया के नकली होलोग्राम का उपयोग किया गया, वहीं विदेशी शराब की आपूर्ति के लिए FL10A लाइसेंस का गलत तरीके से उपयोग करते हुए निकट संबंधी एजेंसियों को अनुबंध सौंपा गया। इस प्रक्रिया में करोड़ों रुपये की अवैध उगाही और भ्रष्टाचार हुआ।