‘कलयुगी’ बेटों ने पिता को ‘श्मशान’ में जिंदा छोड़ा, पढ़ें, दास्तां

By : madhukar dubey, Last Updated : January 24, 2023 | 7:21 pm

छत्तीसगढ़। इसे क्या कहें, जब अपना ही खून साथ छोड़ दे। वह उस पिता को जिसने बेटों को इस दुनिया में जीना सीखाया हो। जी हां, ऐसा ही एक हैरत अंगेज करने वाला मामला सामने आया है। (Gariaband) गरियाबंद जिले के ग्राम मदांगमूडा में बेटों ने (cremation of father alive) पिता को जिंदा ही श्मशान में छोड़ दिया है। जहां पिता 65 वर्षीय गुंचू यादव अपनी बेबसी पर आंसू बहा रहे हैं। उनके लिए श्मशान में ही एक झोपड़ी बना दिया है।

जहां वे अपने जीवन की अंतिम सांसें गिन रहे हैं। बेबस पिता गैंगरीन रोग से ग्रसित हैं। इनकी इस दशा की सूचना मिलने पर प्रशासन हरकत में आया है। उनका हालचाल लेने के लिए जब डॉक्टर और अफसर पहुंचे तो चौंका देने वाला नजारा दिखा। बुजुर्ग के शरीर में सड़न पैदा हो गया है।

बेटे ने बताया, सारी जमा पूंजी इलाज में चली गई

जब बेटे से प्रशासनिक अधिकारियों ने पूछा तो बतया कि पिछले पांच सालों से वे इलाज करा रहे हैं। उनका पैर पूरी तरह से सड़ गया है। बहुत इलाज कराया लेकिन रोग ठीक नहीं हुआ। दो बार इनका ऑपेरशन भी कराया।

इधर गांववालों को आशंका थी कि रोग पूरे गांव में फैल जाएगा, इसलिए दोनों बेटों ने जिंदा पिता के अंतिम संस्कार की पूरी प्रक्रिया १२ दिन पहले कर दी। बेटों ने कहा कि उन्हें डर था कि अगर पिता की मौत हुई, तो लोग कंधा देने भी नहीं आएंगे। इसलिए अब श्मशान घाट के मुहाने पर ही कच्ची झोंपड़ी बना दी है। मां दोनों वक्त का खाना बर्तन में डाल आती है।

अभी से कर दिया है अंतिम संस्कार

मदांगमूडा में यादव समाज के श्मशान घाट से महज ५० मीटर की दूरी पर झोंपड़ी में रहकर अब गूंचु यादव मौत का इंतजार कर रहा है। उसका कहना है कि अंतिम संस्कार तो पहले ही हो गया है। ग्रामीणों को बुजुर्ग के कुष्ठ रोगी होने की भी आशंका थी, लेकिन मनमोहन ठाकुर, नोडल अधिकारी कुष्ठ रोग उन्मूलन ने साफ कर दिया है कि बुजुर्ग को कुष्ठ रोग नहीं है, बल्कि गैंगरीन है।

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भी सिर्फ खानापूर्ति ही किया

ग्रामीणों के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग की टीम भी बुजुर्ग को देखने के लिए आई थी। लेकिन सिर्फ हालचाल लेकर वापस लौट गई। अभी तक बुजुर्ग को कहीं भी शिफ्ट नहीं किया गया है। अफसोस की बात है कि इलाज कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग का अमले ने भी सिर्फ खानापूर्ति की है।