रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप (Kedar Kashyap) ने कहा है कि धर्मांतरण (conversion) के घातक एजेंडे को प्रदेश सरकार के राजनीतिक संरक्षण के चलते बस्तर क्षेत्र की स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। जगदलपुर शहर सीमा से लगे तोकापाल के भेजरीपदर के परपा थाना में धर्म विशेष की अनुयायी महिला की मौत के बाद हुए विवाद पर केदार कश्यप ने कहा कि बस्तर में यह विवाद कोई पहला मामला नहीं है, नारायणपुर घटना की पुनरावृत्ति बस्तर में फिर हुई है बाहर से आये हुए ईसाई धर्मावलंबियों ने एक मत होकर पहले स्थानीय आदिवासी ग्रामीणों पर हमला किया। फिर पुलिस पर हमला कर उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। ईसाई मिशनरियों के हमले में एडिशनल एसपी को चोट लगी है, वर्तमान में भी वहां तनाव की स्थिति है और विवाद शांत नहीं हुआ है। पूरा बस्तर आज धर्मांतरण की भठ्ठी में जल रहा है और भूपेश बघेल शासन चैन की बंसी बजा रहा है।
कश्यप ने कहा कि धर्मांतरण के कारण सामाजिक संरचना में हो रहे बदलाव को लेकर कुछ समय पूर्व कांग्रेस शासन के इसी कार्यकाल में एसपी ने जो आशंका जताई थी। वह अब सच साबित हो रही है। तब तत्कालीन एसपी सुनील शर्मा ने अपने पत्र में आगाह किया था कि आगे चलकर मूल आदिवासियों और धर्मान्तरित लोगाें में वर्ग संघर्ष के हालात बन सकते हैं। कश्यप ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को याद दिलाया कि पहले एसपी, फिर बस्तर कमिश्नर और फिर प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने धर्मांतरण को लेकर सार्वजनिक तौर पर चिंता जाहिर की थी।
इसके दुष्परिणामों को लेकर आगाह किया था। परंतु एक परिवार की चापलूसी कर अपने आकाओं को खुश रखने के लिए मुख्यमंत्री बघेल ने धर्मांतरण को लेकर कोरी सियासी बयानबाजी कर इस संकट से आंखें मूंदे रखी और धर्मांतरण के एजेंडे को बढ़ावा दिया।
कश्यप ने कहा कि नारायणपुर में भी अवैध धर्मांतरण करने वालों ने आदिवासी समाज पर हमला बोला था लेकिन उस मामले में भी हमलावर धर्मान्तरित लोगों के बजाय आदिवासी समुदाय के लोगों पर कार्रवाई की गई। कश्यप ने कहा कि धर्मांतरण के घातक एजेंडे के कारण बस्तर की मूल संस्कृति और सभ्यता नष्ट करने का जो अपराध मुख्यमंत्री बघेल कर रहे हैं, छत्तीसगढ़ का आदिवासी समुदाय इसके लिए उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।
इस आदिवासी विरोधी कांग्रेस सरकार में पुलिस के जवान ही सुरक्षित नहीं हैं। आम जनता को सुरक्षा कौन देगा?
धर्मान्तरण पर हुई हिंसक घटना में कांग्रेस के नुमाइंदों का चुप्पी साधना प्रश्नचिह्न खड़े करता है। हमारा आदिवासी समाज इस सरकार को जरूर सबक सिखाएगा। pic.twitter.com/bIRx4ol3xr
— Kedar Kashyap (@KedarKashyapBJP) March 20, 2023