नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने राज्यपाल को लिखा पत्र।

By : madhukar dubey, Last Updated : December 3, 2024 | 6:14 pm

  • अनुसूचित क्षेत्र में संचालित आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों में अशासकीय व्यक्तियों को प्राधिकृत किया जाना नियम विरुद्ध – डॉ. महंत
  • रायपुर, 03 दिसंबर 2024। छत्तीसगढ़ विधानसभा नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत (Chhattisgarh Assembly Leader of Opposition Dr. Charandas Mahanta)ने छत्तीसगढ़ के राजयपाल को पत्र(letter to the governor) लिखकर कहा है कि, माह नवंबर 2024 में अनुसूचित क्षेत्र में संचालित राज्य के अनेक आदिम जाति सेवा सहकारी समितियो में प्राधिकृत अधिकारी बतौर ऐसे अशासकीय व्यक्तियों को बोर्ड की शक्तियों का प्रयोग करने के लिए प्राधिकृत किया गया हैं जो अनुसूचित जनजाति वर्ग के नही है। यह कृत्य छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम, 1960 के प्रावधानों के विरुद्ध हैं।

    नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने अपने पत्र में लिखा है कि, छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम, 1960 की धारा 48 की उपधारा (5) के खंड (दो) के अनुसार अनुसूचित क्षेत्र में संचालित संसाधन सोसायटी में अध्यक्ष या सभापति का निर्वाचन केवल अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों में से किया जाएगा। अनुसूचित क्षेत्र जिला कोरिया की आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों-रामगढ, चिरमी, तरगांव,जामपारा तथा धौराटिकरा के लिए जारी किए गए हैं। इसी प्रकार के अन्य अनेक आदेश और भी है, जिनमें अन्य वर्ग के व्यक्तियों को प्राधिकृत किया गया है। विधिक प्रावधानों की मंषा के विरुद्ध इस तरह है अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित स्थानो पर उनके वैधानिक अधिकारों की घोर उपेक्षा करके अन्य वर्ग के व्यक्तियों को नियुक्त किया जाना उचित नहीं है।

    नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने राज्यपाल से आग्रह किया है कि, राज्य सरकार को निर्देशित करने का कष्ट करेंगे की अनुसूचित क्षेत्र कि आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों मे अनुसूचित जनजाति वर्ग के अशासकीय व्यक्तियों को ही बोर्ड कि शक्तियो का प्रयोग करने के लिए प्राधिकृत किया जाए और जहां भी विधि विरूद्ध अपात्र व्यक्तियों को प्राधिकृत किया गया हैं वहां, उनको तत्काल हटाते हुए पात्र व्यक्तियो को ही नियुक्त किया जाए।

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