सदन में ‘हसदेव जंगल’ की कटाई पर हंगामा! भूपेश बोले, किस ‘अदृश्य शक्ति’ ने दी पेड़ काटने की अनुमति…कार्यवाही स्थगित

By : hashtagu, Last Updated : February 7, 2024 | 2:35 pm

रायपुर। आज विधानसभा सत्र (Assembly session) की शुरुआत होते ही सबसे पहले हसदेव के जंगलों में पेड़ों (Trees in the forests of hasdev) की कटाई का मुद्दा उठा। जहां विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। विपक्ष ने सदन में स्थगन प्रस्ताव लाकर चर्चा की मांग की थी, जिसे स्पीकर ने अस्वीकार कर दिया। इसके बाद विपक्षी विधायकों ने गर्भगृह में जमकर नारेबाजी की। जिसके बाद नारेबाजी करने वाले विधायक निलंबित हो गए। हसदेव के जंगल में पेड़ों की कटाई के मुद्दे पर हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

  • मामले में विपक्ष ने दोबारा चर्चा की मांग की। इस पर बीजेपी विधायक सुशांत शुक्ला ने पुरानी सरकार से कुछ सवाल किया तो पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी सदस्य चाहते हैं तो इस पर चर्चा होनी चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- आसंदी की व्यवस्था आने के बाद भी विपक्ष की मांग उचित नहीं है। सदन में चर्चा के पर्याप्त मौके मिलेंगे।

सरकार बनने से पहले ही वन विभाग ने दी पेड़ काटने की अनुमति

नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा- हसदेव क्षेत्र में सभी कोल ब्लॉक रद्द करने को लेकर इस सदन में ही 26 जुलाई 2022 को संकल्प पारित किया गया। केंद्र सरकार को पत्र भेजा गया था, इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। सरकार बनने और मुख्यमंत्री बनने से पहले ही वन विभाग ने हसदेव में 15 हजार 307 पेड़ काटने की अनुमति दे दी।

विधानसभा ने अशासकीय संकल्प पारित कर दिया था। इसके बाद भी इस तरह का आदेश जारी करना दुखद है। ये गंभीर समस्या है। हसदेव के खत्म होने से बांगो बांध का अस्तित्व खत्म हो जाएगा।

  • किस अदृश्य शक्ति ने दी पेड़ काटने की अनुमति

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- इसी सदन में सर्व सम्मति से अशासकीय संकल्प पारित किया गया था। इसके बाद भी कटाई की अनुमति दे दी गई। ये कौन सी अदृश्य शक्ति है जिसने पेड़ों की कटाई की अनुमति दे दी गई। इससे वन्य जीव प्रभावित होंगे। स्थानीय आदिवासी प्रभावित होंगे। बांगो बांध प्रभावित होने की वजह से कई जिलों में सिंचाई पर असर होगा।

कांग्रेस विधायक कुंवर निषाद और विक्रम मंडावी ने कहा- जंगल खत्म होने से जन जीवन प्रभावित होगा। हसदेव में हाथी मानव द्वन्द चल रहा है। क्षेत्र के आदिवासी अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं। आदिवासियों के जल जंगल और जमीन पर खतरा मंडरा रहा है।

उद्योगपतियों के लिए जंगल काटा जा रहा

कांग्रेस विधायक अनिला भेंडिया ने कहा- उद्योगपतियों के लिए जंगल काटा जा रहा है। केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार है। हसदेव को बचाने और आदिवासियों के संरक्षण के लिए काम करना चाहिए। विधायक अंबिका मरकाम ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री आदिवासी हैं। हसदेव में आदिवासियों का सबसे बड़ा नुक़सान हो रहा है। हम मानते हैं कि आदिवासी मुख्यमंत्री होने का लाभ मिलना चाहिए था।

अटल श्रीवास्तव ने कहा- आदिवासियों की जमीन उजाड़ने का काम किया जा रहा है। पुलिस के पहरे में पेड़ों की कटाई हो रही है। अडानी को दिये गये एमडीओ में ये स्पष्ट रूप से लिखा है कि सालों तक कोल का खनन किया जा सकता है। फिर एक नये ब्लॉक की क्या जरूरत?

लालजीत सिंह राठिया ने कहा- आदिवासी मुख्यमंत्री राज्य के आदिवासियों का सुरक्षा कवच हैं। उन्हें आदिवासियों की इस समस्या का निराकरण करना चाहिए। हसदेव की कटाई से बांगो बांध पूरी तरह से खत्म हो जाएगा।

हर्षिता बघेल और सावित्री मंडावी ने कहा- हसदेव को केंद्र और राज्य का मुद्दा ना बनाकर आदिवासियों के हित में फैसला लिया जाना चाहिए। हमारे पूर्वजों ने हजारों सालों से इस जंगल को बचाकर रखा है। ये वन्य जीवों के साथ साथ आदिवासी संस्कृति को खत्म करने जैसा है।

राघवेंद्र सिंह ने कहा- वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में कहा गया था कि हसदेव क्षेत्र के किसानों की कमाई 160 फ़ीसदी बढ़ी है। ये सघन क्षेत्र के जंगल हैं। खड़गवा क्षेत्र में वन अधिकार पट्टे बंटे हैं। पर्याप्त कोयला है, इस भंडार से काम चल सकता है। इसके बाद भी पेड़ काटने की अनुमति गंभीर मुद्दा होगा।

आदिवासी हितों की रक्षा की बात करने वाले पहले कहां थे

बीजेपी विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा- नेता प्रतिपक्ष ने हसदेव के लिये उस वक्त मुझे विशेष अनुमति दी थी, जब वह खुद आसंदी पर बैठे थे। बिसाहू दास महंत, रामचंद्र सिंहदेव जैसे नेताओं ने बांगो बांध की कल्पना की थी। सारे विकास के काम गंगरेल में हो रहे थे, बागों में नहीं हो रहे थे।

  • जो आज आदिवासी हितों को रक्षा की बात कर रहे हैं, उनमें से एक आदमी भी बोलने खड़ा नहीं हो रहा था। मैंने ये भी कहा था कि राहुल गांधी जब मदनपुर आए थे, तब जिस चबूतरे में बैठे थे वहां के किसानों की जमीन बेदखल करने का आदेश भी पिछली सरकार ने दिया था।

पिछली सरकार ने तीन आदेश देकर पेड़ों को आरी देने का काम किया था। ये काम विष्णुदेव साय सरकार ने नहीं किया है। उस दिन मैं चीख-चीखकर कह रहा था कि पेड़ों की कटाई के सभी आदेशों को रद्द कर दिया जाए। उस दिन ही सख्ती से सरकार अपने सभी आदेशों को रद्द कर देती तो ज्यादा बेहतर होता।

  • आसंदी पर प्रश्न चिन्ह चिंता का विषय- महंत

नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा- आसंदी पर ही प्रश्न चिन्ह लग जाए तो ये चिंता का विषय है। देश में साढ़े तीन लाख मीट्रिक टन कोयले का भंडार है, जो हसदेव क्षेत्र के बाहर हैं। हसदेव को बचाकर भी कोयले की जरूरत पूरी की जा सकती है।हसदेव में सौ से ज्यादा किस्मों की वनस्पति है। सैकड़ों तरह के जीव-जंतु हैं।

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