सूरजपुर। आज कालामांजन में आदमखोर बाघ (man-eating tiger) को पकड़ने में वन विभाग की टीम ने सफलता पा ली। इसके लिए कुमकी हाथी (kumki elephant) से बाघ को काबू करने में बड़ी मदद मिली। सोमवार को बाघ ने 2 युवकों को अपने हमले में मार डाला। अभी एक युवक की गंभीर अवस्था में इलाज चल रहा है। काफी प्रयास के बाद बाघ को ट्रैकुलाइज किया गया, इसके बाद उसे पिंजरे में कैद कर लिया गया। बताया जा रहा है कि जख्मी बाघ को इलाज के बाद मंगलवार की रात उसे जंगल सफारी लाया जाएगा। घायल बाघ को रेस्क्यू करने के लिए कुमकी हाथी और जेसीबी मशीन की मदद ली गई थी। पेड़ पर चढ़कर भी उसे काबू में करने की कोशिश की गई।
सीसीएफ सरगुजा नावेद सुजाउद्दीन ने बताया कि बाघ घायल है। सोमवार को बचने की कोशिश में ग्रामीणों ने उस पर कुल्हाड़ी से हमला किया था। बाघ के सिर पर चोट है। उन्होंने कहा कि घायल बाघ काफी अंदर छिपकर बैठा हुआ था। कुमकी हाथी, डॉक्टरों और एक्सपर्ट की टीम की मदद से बाघ को ट्रैंकुलाइज किया गया है। उसे प्राथमिक चिकित्सा दी गई है। बेहतर इलाज के लिए जंगल सफारी भेजा जाएगा।
बेहोश होने के बाद बाघ को स्ट्रेचर पर लिटाकर बाहर निकाला गया। इसके बाद उसे पिंजरे में बंद किया गया है। वहीं बाघ को देखने के लिए मौके पर लोगों की भीड़ लग गई। ग्रामीणों ने उसका वीडियो बना लिया और फोटो खींची। बाघ का रेस्क्यू करने के बाद वन विभाग की टीम ने भी राहत की सांस ली है। कालामांजन गांव में रेस्क्यू के लिए बिलासपुर से स्पेशल टीम के साथ तमोर पिंगला से प्रशिक्षित कुमकी हाथियों को लाया गया था। इसी हाथी पर बैठकर वन विभाग की टीम जंगल के अंदर तक पहुंची थी।