कांग्रेस संगठन में बंटे कई प्रभार! छत्तीसगढ़ में ‘उलटफेर’ के सियासी मायने

कांग्रेस आलाकमान ने राष्ट्रीय सचिवों (Congress high command national secretaries) की नई नियुक्ति कर दी है। छत्तीसगढ़ के लिए भी दो नए प्रभारी

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  • Updated On - August 31, 2024 / 03:16 PM IST

रायपुर। कांग्रेस आलाकमान ने राष्ट्रीय सचिवों (Congress high command national secretaries) की नई नियुक्ति कर दी है। छत्तीसगढ़ के लिए भी दो नए प्रभारी सचिवों की नियुक्ति कर दी गई है। एसए संपथ कुमार और जरिता लैतफलांग को राज्य का नया प्रभारी सचिव बनाया है। चंदन यादव (Chandan Yadav) को मध्य प्रदेश तो सप्तगिरी उल्का को झारखंड की जिम्मेदारी मिली है।

  • छत्तीसगढ़ के दो नेता राजेश तिवारी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी और जेल में बंद विधायक देवेंद्र यादव को बिहार का जिम्मा दिया गया है।

जानिए इन नेताओं को मिली जिम्मेदारी

छत्तीसगढ़ के अब दो नए प्रभारी सचिव एसए संपथ कुमार और जरिता लैतफलांग होंगे।

जरिता लैतफलांग- मूल रूप से मेघालय से आने वाली जरिता लैतफलांग को अब छत्तीसगढ़ का जिम्मा सौपा गया है, ये युवा कांग्रेस और NSUI में लंबे समय से सक्रिय हैं, टीम राहुल गांधी की सदस्य हैं, राहुल की न्याय यात्रा में भी वो काफी सक्रीय रही। जरिता सैम पित्रोदा के प्रोफेशनल नेशनल कांग्रेस का भी हिस्सा रही हैं।

  • एसए संपथ – तेलंगाना के सीनियर नेता और पूर्व विधायक एस ए संपथ को अब छत्तीसगढ़ का जिम्मा सौपा गया है, इससे पहले इनके पास महाराष्ट्र का जिम्मा था। संपथ के महाराष्ट्र प्रभार के दौरान वहां विधानसभा के चुनाव हुए थे, जिसमें कांग्रेस पार्टी ने बेहतर परफोम किया था, महाराष्ट्र के काम को देखते हुए इन्हें छत्तीसगढ़ दिया गया है।

विवादित रहे चंदन,उल्का का बेहतर इसलिए झारखंड

कांग्रेस पार्टी ने अपने दोनों प्रभारी सचिवों को बदल दिया है, चंदन यादव को मध्य प्रदेश तो सप्तगिरी उल्का को झारखंड की जिम्मेदारी मिली है। चंदन यादव विधानसभा चुनाव के बाद से ही लगातार विवादों में बने रहे, पूर्व विधायक विनय जायसवाल ने इनपर पैसे लेकर टिकट देने का भी आरोप लगाया था, लेकिन इस मामले की बाद में कही कोई जांच तक नहीं हुई। कांग्रेस नेता कार्यकर्ताओं का एक वर्ग ऐसा था जो लंबे समय से नाराज चल रहा था।

  • सप्तगिरी उल्का को बेहतर काम करने के बदले पार्टी के बदले आलाकमान ने झारखंड भेजा है। इन्होने छत्तीसगढ़ में प्रभार के दौरान बस्तर और सरगुजा में कई दौरे किए, जिन जिलों का इनको प्रभार मिला इन्होने लगातार वहां दौरे किए, जल्द ही झारखंड में चुनाव होने हैं जिसको देखते हुए पार्टी ने उन्हें वहां भेजा है।

इसलिए हटाए गए विकास-पारस

रायपुर पश्चिम से पूर्व विधायक विकास उपाध्याय के पास असम की जिम्मेदारी थी, छह महीने के भीतर ही विकास विधानसभा और लोकसभा का चुनाव हारे हैं, पारस चोपड़ा को हटाने को लेकर चर्चा है कि उनके पास जिम्मेदारी तो थी लेकिन वो सक्रिय नहीं थे, उनकी निष्क्रियता को देखते हुए उन्हें प्रभारियों की सूची से बाहर किया गया है।

प्रियंका के करीबी हैं राजेश

प्रदेश से राजेश तिवारी की उत्तरप्रदेश की जिम्मेदारी को यथावत रखा गया है, उन्हें प्रियंका गांधी का करीबी माना जाता है। उत्तर प्रदेश में इनका परफॉर्मेंस बढ़िया रहा। रायबरेली और अमेठी में इन्होने लोकसभा चुनाव के दौरान अच्छा काम किया इसलिए पार्टी ने इनकी जिम्मेदारी बरकरार रखी है।

युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना चाहते थे देवेंद्र

बलौदाबाजार हिंसा मामले में जेल में बंद हैं उन्हें बिहार की जिम्मेदारी मिली है, देवेंद्र की नई जिम्मेदारी को लेकर दो तरह की चर्चाएं हैं। पहला कि जेल में होने के बावजूद पार्टी ने उन्हें जिम्मेदारी दी है, इससे सीधा मैसेज देने की कोशिश है कि आलाकमान उनके साथ है। देवेंद्र दो बार के विधायक हैं, युवाओं की अच्छी टीम है।

एक चर्चा ये भी है कि देवेंद्र युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना चाहते थे इस जिम्मेदारी के बाद लगभग ये बात तय हो गई है कि अब वो राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बनाए जाएंगे।

छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व घटा

सियासी जानकार बताते हैं कि इस लिस्ट छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व कम हुआ है, पहले यहां से तीन नेता राजेश तिवारी,विकास उपाध्याय और पारस चोपड़ा के पास जिम्मेदारी थी। अब केवल राजेश तिवारी और देवेंद्र यादव को इस लिस्ट में जगह मिली है।

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