रायपुर : छत्तीसगढ़ में रबी सीजन के दौरान धान की खेती को लेकर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज (Deepak Baij) ने आरोप लगाया है कि कलेक्टर गांव-गांव में मुनादी करवा रहे हैं, जिसमें किसानों को रबी फसल में धान बोने पर कार्रवाई की धमकी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि यह मुनादी सरकार और मुख्यमंत्री की जानकारी के बिना कैसे हो रही है, इसका जवाब देना चाहिए।
कोटवारों से मुनादी करवा रही सरकार
दीपक बैज ने आरोप लगाया कि किसान विरोधी भाजपा सरकार किसानों को रबी फसल में धान की खेती करने से हतोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा कि धमतरी, राजनांदगांव और रायपुर जैसे जिलों में कोटवारों के जरिए गांव-गांव मुनादी करवाई जा रही है। इसमें किसानों को 50,000 रुपये प्रति एकड़ का जुर्माना लगाने की धमकी दी जा रही है। यह मौखिक आदेश अधिकारियों को भाजपा सरकार के इशारे पर दिए गए हैं।
किसानों के अधिकारों का हनन
बैज ने कहा कि किसानों को अपनी खेत और मौसम के अनुसार फसल चुनने का अधिकार है। रबी सीजन में धान की खेती पर धमकी देना न केवल अन्याय है बल्कि किसानों के अधिकारों का हनन भी है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर से दिसंबर के बीच रबी फसलों की बुवाई होती है, और इस तरह की धमकियां किसानों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं।
खाद की कमी ने बढ़ाई किसानों की परेशानी
भाजपा सरकार की नीतियों पर निशाना साधते हुए बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसान पहले से ही डीएपी खाद की कमी के कारण परेशान हैं। अब धान न बोने के फरमान ने उनकी समस्याओं को दोगुना कर दिया है।
टोकन एप की खराबी और गिरदावरी में हेरफेर
बैज ने कहा कि सरकार ने 21 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से धान खरीदी का वादा किया है, लेकिन “टोकन तुहर हाथ” ऐप की खराबी और सर्वर की समस्याओं के चलते किसान परेशानी में हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गिरदावरी में षड्यंत्रपूर्वक हेरफेर की गई है, और कई जगहों पर किसानों से 21 क्विंटल के बजाय सिर्फ 16 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से धान खरीदी जा रही है।
किसानों का विरोध प्रदर्शन
दीपक बैज ने कहा कि टेमरी के किसानों ने फर्जी आनावरी रिपोर्ट और कम मात्रा में धान खरीदी के खिलाफ चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन किया। अब रबी फसल में धान न बोने की धमकी देना भाजपा के किसान विरोधी रवैये को स्पष्ट करता है।
भाजपा के खिलाफ गंभीर आरोप
बैज ने कहा कि भाजपा सरकार चुनावी लाभ के लिए किसानों से वादे तो कर रही है, लेकिन अपने दायित्वों से बचने के लिए किसानों पर ऐसे तुगलकी फरमान जारी कर रही है। उन्होंने सरकार से किसानों के हित में तत्काल कदम उठाने की मांग की।