मरकाम बोले, BJP ने राजभवन को राजनीतिक अखाड़ा का केंद्र बना दिया
By : madhukar dubey, Last Updated : May 12, 2023 | 10:55 pm
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि केंद्र में मोदी भाजपा की सरकार अपनी विरोधी दलों की राज्य सरकारों के साथ भेदभाव सौतेला व्यवहार कर रही। परेशान करती है जिन राज्यों में भाजपा राजनीतिक रूप से पंगु हो चुकी कांग्रेस या अन्य दलों से सीधा मुकाबला नहीं कर पा रही है है वहां राजभवन के पीछे छिपकर जनमत की चुनी हुई सरकारों के जनहित में लिये गये निर्णयों, सदन से पारित विधेयक को रुकवाती है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर संघीय ढांचे पर लगातार चोट पहुंचाने वाली मोदी सरकार के अधिनायकवादी चेहरे को उजागर किया है। गैर भाजपा शासित चुनी हुई राज्य सरकारों के खिलाफ मोदी सरकार के द्वारा किए जा रहे षड्यंत्र सर्वविदित हैं। मणिपुर, गोवा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में जिस प्रकार से बलपूर्वक तख्तापलट में राजभवन की संलिप्तता रही। संवैधानिक संस्थानों, केंद्रीय जांच एजेंसियों और धनबल का दुरूपयोग करके लोकतंत्र का गला घोंटा गया।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में शिंदे सरकार के गठन की प्रक्रिया पर तीखी टिप्पणी करते हुए महाराष्ट्र के राजभवन को भी कटघरे में खड़ा किया है। कोर्ट ने कहा है कि राज्यपाल ने कानून के तहत काम नहीं किया है। विगत 9 वर्षों से मोदी राज में लगातार संवैधानिक संस्थानों, केंद्रीय जांच एजेंसियों के साथ ही राजभवन तक को भी भाजपाई पार्टी कार्यालय के रूप में संचालित करने का कुत्सित प्रयास करते रहे हैं। आज सर्वोच्च न्यायालय का फैसला षड्यंत्रकारी भाजपाइयों के मुंह पर करारा तमाचा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी राजभवन में सदन में पारित कई विधेयक राजभवन में हस्ताक्षर नही होने चलते अटके हुए है। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण 76 प्रतिशत आरक्षण संशोधन विधेयक है। जिसके सम्बन्ध में राज्यपाल महोदय ने भी पत्र लिखकर बिल लाने कहा और तत्काल हस्ताक्षर करने की मंशा भी सार्वजनिक तौर पर जाहिर की थी। सदन में 76 प्रतिशत आरक्षण सर्वसम्मति से पारित भी हुआ और सरकार के दो मंत्री बिल लेकर राजभवन गये लेकिन अचानक क्या दबाव आया कि जिस बिल पर राज्यपाल महोदय हस्ताक्षर करने तैयार थे आज पांच महीना से अधिक हो गया आरक्षण विधेयक राजभवन में अटका हुआ है। इस दौरान राज्यपाल भी बदल दी गई।
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