छत्तीसगढ़। (reservation bill) आखिरकार आरक्षण बिल पर राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं करने पर कोर्ट ने संज्ञान लिया है। ऐसे में प्रदेश के कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे (Minister Ravindra Choubey) ने कहा कि बड़े हर्ष की बात है कि हाईकोर्ट ने आरक्षण बिल की याचिका को स्वीकार कर लिया है। राजभवन को 15 दिन यानी 17 फरवरी को जल्द जवाब देने के लिए हाईकोर्ट ने कहा है। मीडिया से बात करते हुए कहा, जल्द ही इस मामले पर राज्यपाल भी जवाब दे ऐसी हम उम्मीद करते हुए।
कहा, राज्यपाल को यह मामला इतने समय तक नही रोकना चाहिए। बताया कि यह मामला अटकने के बाद ही हमने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। और यह बड़े हर्ष की बात है की उच्च न्यायालय ने हमारी अपील को स्वीकार किया।
इसके साथ ही मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि मोहन भागवत के बयान विवादित है। मोहन भागवत ने किस संदर्भ में यह कहा इसका उत्तर वही देंगे। कहा कि भाजपा जब भी बैठक करती है, उनकी शुरुआत जाति और धर्म के नाम पर देश को विभाजित करने की ही कोशिश होती है।
एक सवाल क्या भाजपा मोहन भागवत के बयान से अब सहमत है पर मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा, हमने तो देश में नफरत फ़ैलाने से रोकने भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की है। मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा की इस पूरे मामले पर भारतीय जनता पार्टी और RSS खुद ही कंफ्यूज है।
केवल मिडिया से चर्चा करते हुए कहा है जहां तक रिव्यू करने का सवाल है। तो उनके संगठन के प्रभारी कब आते है कब बदल जाते है यह भी पता नहीं चलता। कहा, नेता प्रतिपक्ष खुद फेस हुए है अरुण साव की जवाबदारी पर भी सवाल उठ रहे है। यह सारे मामले उनकी स्वयं की पार्टी के है। लेकिन जहा तक प्रदेश की जनता का सवाल है। कहा कि मुख्य्मंत्री पर लोगो की आस्था भरोसा है इसलिए आने वाले समय में भी कांग्रेस की ही सरकार बनेगी।
लगातार मुख्यमंत्री के दौरा विभिन्न विभागों पर बजट को लेकर चर्चा हो रही है। कहा कि कृषि विभाग की भी आज चर्चा है। इसके पीछे कारण है कि क्योंकि चुनावी वर्ष है। कहा कि हमारे विभाग द्वारा भी बजट के लिए विभिन्न प्रस्ताव भेजे गए है। अब बजट के प्रस्तावों पर पर कितनी सहमति मिलती है उसकी चर्चा जारी है। कहा कि हमें भी उम्मीद है प्रस्तावों पर मंजूरी मिलेगी।