छत्तीसगढ़। (Chhattisgarh) कोरोना से निपटने को लेकर मंगलवार को रायपुर के अंबेडकर अस्पताल, जिला अस्पताल, माना के सिविल अस्पताल में मॉकड्रिल की गई। इन सभी अस्पतालों में तेजी से एंबुलेंस पहुंची। डॉक्टर किट पहने हुए थे। मरीजों को अस्पताल में ले जाया गया। सभी को ऑक्सीजन, ड्रिप,वेंटिलेटर पर ले जाकर उनकी जांच करने का काम किया गया।
इन अस्पतालों में (covid) कोविड संक्रमण का वैसा ही माहौल दिखा जैसा बीते दो सालों में देखा गया, मगर ये सब कुछ सिर्फ तैयारी के लिए था। मॉकड्रिल में कुछ जगहों पर कई तरह की अलग-अलग कमियां देखी गई हैं। जिस पर तत्काल सुधार करने के निर्देश दिए गए हैं। नकली मरीज लाकर असल तैयारी का जायजा लिया गया।
दरअसल केंद्र और राज्य सरकार के निर्देश की वजह से ये मॉकड्रिल (एक तरह की प्रैक्टिस) की गई। अस्पतालों में ये देखा गया कि ऑक्सीजन प्लांट जरुरत के मुताबिक काम कर रहे हैं या नहीं, मरीजों को रिस्पॉन्स करने में टीम समय पर रहे। डॉक्टर्स पूरी तरह से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें।
इस मॉकड्रिल को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने वीडियो कॉल से देखा। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मॉकड्रिल से समझ आया कि हम पूरी तरह से तैयार हैं किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए। सभी जगहों पर पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं। कुछ जगहों पर स्टाफ की जरुरत है। उसकी हम व्यवस्था करेंगे। बाकी सामान्य हालात हैं। सभी जिला कलेक्टर्स से भी कहा गया है कि अपने जिलों में अस्पतालों बेहतर इंतजाम कर लें।
मंगलवार को मॉकड्रिल के दौरान कई खामियां मिली। मॉकड्रिल के दौरान अस्पताल में मरीज दहशत में थे और उन्हें आक्सीजन तो दूर बेड तक नहीं मिल रहा था। डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने जिला अस्पताल में मॉकड्रील शुरू होने से पहले व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान वे यहां लिफ्ट में फंस गए। दरअसल, यहां मरीजों के लिए लगाए लिफ्ट खराब मिला। निरीक्षण के दौरान अफसरों ने अस्पताल में ज्यादा से ज्यादा आक्सीजन बेड तैयार रखने के निर्देश दिए।