सांसद गोमती साय बोलीं, महिला आरक्षण पर कांग्रेस-घमंडिया गठबंधन का दोहरा चरित्र

By : hashtagu, Last Updated : September 23, 2023 | 7:29 pm

  • नारी शक्ति वंदन विधेयक एक क्रांतिकारी परिवर्तन का प्रतीक, मातृ शक्ति के अप्रतिम सम्मान से लोकतंत्र गौरवान्वित – भाजपा
  • सांसद गोमती साय बोलीं, महिला आरक्षण पर कांग्रेस व घमंडिया गठबंधन दोहरे राजनीतिक चरित्र का प्रदर्शन कर रहा, लेकिन जनता उनकी बातों को सुनने को तैयार नहीं है
  • रायपुर। सांसद गोमती साय (MP Gomti Sai) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृढ़निश्चयी व संकल्पवान नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा महिला आरक्षण से संबंधित नारी शक्ति वंदन विधेयक (Nari Shakti Vandan Bill) के संसद में पारित होने को एक क्रांतिकारी परिवर्तन का प्रतीक बताते हुए कहा है कि भारत की मातृ शक्ति के इस अप्रतिम सम्मान से लोकतंत्र गौरवान्वित हुआ है।उन्होंने कहा कि संसद का नया भवन इस विधेयक के रूप में नई ऊर्जा, नए विश्वास और संकल्पों के सृजन का साक्षी बना है।

    सांसद श्रीमती गोमती साय ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने पूरे शासनकाल में लोगों के साथ, माता और बहनों के साथ खिलवाड़ करने का काम किया। आज प्रधानमंत्री मोदी के सक्षम नेतृत्व व निर्णायक नेतृत्व के कारण नारी शक्ति वंदन विधेयक संसद में पारित हो गया है। नारी के सम्मान की दृष्टि इससे बड़ा काम नहीं हो सकता है। इस विधेयक के पारित होने के बाद निश्चित रूप से न केवल दिल्ली में, बल्कि पूरे देश की महिलाओं में उत्साह का माहौल है और खुशियाँ मना रही हैं। देश की माताओं-बहनों ने प्रधानमंत्री श्री मोदी को आशीर्वाद देते हुए इस बात पर गर्व किया कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने नारी शक्ति का सचमुच में वंदन किया है।

    सांसद गोमती साय ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के पास आज बोलने के लिए कुछ नहीं है और इसलिए वह अब जातिगत जनगणना और महिला आरक्षण में ओबीसी कोटा तय करने की बात कर रही है, जबकि 2010 में जब यूपीए शासनकाल में यह विधेयक लाया गया था, तब कांग्रेस ने ओबीसी कोटा तय करने का विरोध किया था। तत्कालीन राजद सुप्रीमो लालू यादव ने तो ऐसी कोई व्यवस्था होने पर यूपीए सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी तक दे दी थी। आज कांग्रेस अपने ही नजरिए को लेकर दोहरे राजनीतिक चरित्र का प्रदर्शन कर रही है और राजद समेत घमंडिया गठबंधन के सारे घटक दल भी वही कर रहे हैं, लेकिन आज जनता कांग्रेस और घमंडिया गठबंधन की बातों को सुनने के लिए भी तैयार नहीं है।

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